मिस्र में गाजा पीस समिट, पहुंच रहे ट्रंप, कौन-कौन होगा शामिल, हमास और इजराइल कब छोड़ेंगे बंधक और कैदी?
TV9 Bharatvarsh October 13, 2025 02:42 PM

मिस्र में आज यानी सोमवार को गाजा पीस समिट होने जा रहा है. लंबे समय से हमास और इजराइल के बीच छिड़े युद्ध को खत्म करने के लिए यह बैठक काफी अहम है. इस मीटिंग में दुनिया के 20 देश शामिल होंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वार्ता की मिस्र के राष्ट्रपति के साथ मिलकर सह-अध्यक्षता करेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए 20 प्वाइंट का एक शांति प्रस्ताव पेश किया था. जिस पर इजराइल ने सहमति जताई. वहीं, हमास ने अभी भी आधी हामी ही भरी है. इसी बीच राष्ट्रपति ट्रंप आज पहले इजराइल पहुंचेंगे. इसी के बाद वो मिस्र का दौरा करेंगे. साथ ही आज ही इजराइल और हमास के बीच कैदियों की अदला-बदली शुरू होगी.

आज क्या-क्या होगा?
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी सोमवार को शर्म अल-शेख में गाजा शांति सम्मेलन की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे. इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा विश्व नेता शामिल होंगे. ट्रंप सोमवार सुबह इजराइल की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद इस सम्मेलन में शामिल होंगे.
  • एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सम्मेलन में 20 देश शामिल होंगे. अमेरिका, मिस्र, कतर, फ्रांस, तुर्की, यूके, स्पेन, इटली, यूरोपीय संघ, अरब लीग, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, कुवैत, बहरीन, इंडोनेशिया, अज़रबैजान, जर्मनी, ग्रीस, आर्मीनिया, हनगरी, भारत, पाकिस्तान, कनाडा, नॉर्वे, इराक से भी प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे.
  • इस समिट में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर कीर्ति वर्धन सिंह शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह समिट में शामिल होने के लिए मिस्र पहुंच चुके हैं.
  • हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर कीर्ति वर्धन सिंह शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के रूप में ऐतिहासिक शहर काहिरा पहुंचा.
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी समेत कई नेता इसमें शिरकत करेंगे.
  • ईरान ने सोमवार को ऐलान किया कि उसके राष्ट्रपति मासूद पेज़ेश्कियन और विदेश मंत्री अब्बास आराघची सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे.
  • मिस्र के राष्ट्रपति भवन के अनुसार, इस शिखर सम्मेलन का मकसद, गाजा में युद्ध को समाप्त करना, मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता के प्रयासों को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के एक नए युग की शुरुआत करना है.
  • रविवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में गाजा पट्टी में युद्ध समाप्त करने वाला दस्तावेज पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
  • हालांकि, बड़ी बात यह भी है कि खुद इजराइल और हमास इस समिट में शामिल नहीं होंगे. इजराइल और हमास — दोनों ने सम्मेलन में शामिल न होने का फैसला किया है. इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की कि कोई भी इजराइली अधिकारी इसमें मौजूद नहीं रहेगा. इससे पहले हमास ने भी प्रतिनिधि न भेजने की घोषणा की थी.
  • एक राजनयिक सूत्र के मुताबिक, अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की के मध्यस्थ इस मौके पर एक गारंटी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे.
  • आज हमास और इजराइल के बीच कैदियों की रिहाई भी शुरू होगी. हमास को सोमवार दोपहर 12 बजे तक सभी इजराइली बंधकों को रिहा करना होगा.हमास 48 बंधकों की रिहाई करेगा. जिनमें 20 जीवित बंधक और 28 मृत बंधक शामिल हैं.
  • इसके बदले में, इजराइल को करीब 250 फिलिस्तीनी कैदियों और 1,700 गाजा से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करना होगा. गाजा पट्टी में मानवीय सहायता में बढ़ोतरी की जाएगी.
  • हालांकि, बाद के चरणों के कई अहम मुद्दों पर सहमति बनाना मुश्किल हो सकता है, जैसे- गाजा पर युद्ध के बाद शासन कौन करेगा, इजराइली सेना की वापसी की सीमा, और हमास को कैसे निरस्त्र किया जाएगा.
  • 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया था और वही से यह युद्ध शुरू हुआ. हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए और हमास ने 251 लोगों को बंधक बना लिया था. इसके बाद ही हमास और इजराइल के बीच युद्ध शुरू हो गया था.
  • हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 67,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें 18,000 से ज्यादा बच्चे शामिल हैं.
  • इससे पहले जनवरी में भी एक युद्धविराम हुआ था, लेकिन दो महीने बाद इजराइल ने सैन्य अभियान दोबारा शुरू कर दिया था, जिसके चलते तीन-चरणीय योजना का पहला चरण ही पूरा हो सका था.
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