क्या है IRCTC Scam जिसमे घिरे लालू प्रसाद यादव ? जाने कितने रूपए का हुआ था गबन, यहाँ पढ़े पूरी जानकारी
Samachar Nama Hindi October 13, 2025 06:42 PM

भारतीय राजनीतिक इतिहास के सबसे चर्चित भ्रष्टाचार मामलों में से एक, लंबे समय से चल रहा IRCTC घोटाला एक नए मोड़ पर पहुँच गया है। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता तेजस्वी यादव सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ आधिकारिक तौर पर आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रांची और पुरी स्थित दो IRCTC होटलों के टेंडर देने में कथित भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग से जुड़ा है। आइए पूरे मामले और गबन की गई धनराशि पर एक नज़र डालते हैं।

IRCTC घोटाला क्या है?

IRCTC घोटाला 2004 से 2009 के बीच यूपीए सरकार में लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान जुड़ा है। इस दौरान, भारतीय रेलवे ने रांची और पुरी स्थित दो BNR होटलों के संचालन और रखरखाव का काम भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम को पट्टे पर देने का फैसला किया था। हालाँकि, बाद में सीबीआई की जाँच से पता चला कि विनय और विजय कोचर के स्वामित्व वाली एक निजी फर्म, सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड, को लाभ पहुँचाने के लिए बोली प्रक्रिया में कथित तौर पर हेराफेरी की गई थी।

बेनामी भूमि सौदे और कथित रिश्वत

सीबीआई के अनुसार, लालू परिवार को सुजाता होटल का ठेका हासिल करने के लिए कथित तौर पर पटना में तीन एकड़ बेशकीमती ज़मीन रिश्वत के तौर पर दी गई थी। यह ज़मीन एक बेनामी कंपनी, डिजिटल मार्केटिंग लिमिटेड के माध्यम से हस्तांतरित की गई और बाद में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के स्वामित्व वाली लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी द्वारा अधिग्रहित कर ली गई।

लगभग ₹94 करोड़ की ज़मीन कथित तौर पर सिर्फ़ ₹65 लाख में बेची गई, जबकि इसका सर्किल रेट ₹32 करोड़ था। सीबीआई का तर्क है कि यह एक ऐसा लेन-देन था जिससे जनहित की कीमत पर दोनों पक्षों को फ़ायदा हुआ। दिल्ली की एक अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साज़िश के लिए आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.