गाजा में आतंकी संगठन हमास का संकट खत्म नहीं हो रहा है. इजराइली सैनिकों के जाने के बाद उसे राहत मिलने की बात कही जा रही थी, लेकिन अब दगमाश जनजाति के लड़ाकों ने हमास पर अटैक कर दिया है. इस अटैक में हमास के 8 लड़ाकों की मौत हो गई है. 2 दर्जन से ज्यादा हमास के लड़ाकों के घायल होने की खबर है.
बीबीसी अरबी के मुताबिक गाजा के तेल अल हवा में एक बिल्डिंग को लेकर दोनों के बीच झड़प हुई. इस बिल्डिंग पर अभी दगमास के लड़ाकों का कब्जा है, जिसे हमास अपने अधीन लेना चाहता था. इसी बिल्डिंग को लेकर दोनों के बीच झड़प हुई. दगमास का कहना है कि हमास के लड़ाकों ने उसके भी 21 लोगों की हत्या कर दी है.
दगमास जनजाति के बारे में जानिएहुर्रियत अखबार के मुताबिक गाजा और फिलिस्तीन में दगमास एक जनजाति है, जो मूल रूप से तुर्की से विस्थापित होकर यहां पर बसे हैं. जनजाति के लोग सत्ता की लड़ाई में हमेशा आगे रहते हैं. हमास और दगमास के बीच पहले भी कई मौकों पर झड़पें हो चुकी है.
बीबीसी मॉनिटरिंग की टीम ने अपनी एक रिपोर्ट में दगमास समुदाय को अल-इस्लाम समूह से जुड़ा बताया था. 2006 के आसपास दगमास के लड़ाके अलकायदा के लिए काम करते थे और इजराइल के साथ जंग लड़ते थे. गाजा में दगमास समुदाय के कुछ लोग हमास के लिए भी काम करते हैं.
दगमास के लड़ाके गाजा में अपने अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए तस्करी, रंगदारी वसूलने जैसे अवैध काम करते हैं. दगमास जनजाति की महिलाएं भी आपराधिक कामों में संलिप्त रहती हैं, जिसके कारण इस संगठन की लोकप्रियता गाजा में बनी हुई है.
दगमास के लड़ाके जॉर्डन के रास्ते हथियार तस्करी कर लाते हैं. इन्हीं हथियारों के बूते गाजा में अपना दबदबा कायम रखने की कोशिश करते हैं. गाजा में दगमास समुदाय के करीब 20 हजार लोग रहते हैं.
गाजा पर फिर से कंट्रोल चाहता है हमासहमास गाजा पर फिर से पूरा कंट्रोल चाहता है. सीजफायर के बीच हमास ने अपने 7000 जवानों की तैनाती गाजा में की है. हमास ने गाजा के लोगों से अभी घर से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा है. हमास का कहना है कि इजराइल धोखा दे सकता है, इसलिए जब तक सब कुछ सही न हो जाए, लोग बंकर में ही छिपे रहे.
डोनाल्ड ट्रंप ने जो 20 सूत्रीय समझौता पेश किया है, उसमें गाजा से हमास को हटाने की बात कही गई है. यानी शांति समझौता लागू होते ही हमास के लड़ाकों को गाजा से बाहर जाना होगा. अमेरिका ने हमास से खुद निपटने की बात कही है.