हमास ने अपनी कैद में मौजूद सभी 20 इजराइली बंधक रिहा कर दिए हैं. पहले 7 और बाद में 13 बंधकों को रिहा किया गया. सोमवार को हमास ने गाजा में अपने कई लड़ाकों को तैनात किया. बंधकों की रिहाई के दौरान दक्षिणी गाजा के एक अस्पताल में कई हमास के लड़ाके कतार में खड़े थे. इनमें से एक लड़ाके के कंधे पर हमास की सशस्त्र शाखा, कस्साम ब्रिगेड का निशान था. उसकी पहचान शैडो यूनिट के लड़ाके के तौर पर हुई है. यही यूनिट बंधकों की सुरक्षा में तैनात थी.
हमास की कस्साम ब्रिगेड उसकी सशस्त्र शाखा है, यानी उसका युद्ध करने वाला सैनिक हिस्सा. इसे इज अल-दीन अल-कस्साम ब्रिगेड्स भी कहा जाता है. यह ब्रिगेड हमास के लिए लड़ती है और गाजा पट्टी में मुख्य लड़ाकू संगठन के रूप में काम करती है. कस्साम ब्रिगेड के सदस्य हमास की विचारधारा को मानते हैं और इजराइल पर हमलों के लिए जिम्मेदार होते हैं.
कस्साम ब्रिगेड के पास कौन से हथियारयह ब्रिगेड अलग-अलग तरह के हथियारों का इस्तेमाल करती है, जैसे असॉल्ट राइफल, रॉकेट, मोर्टार और कभी-कभी एंटी-टैंक मिसाइलें भी. इन हथियारों में AK‑टाइप असॉल्ट राइफलें, कुछ निशानेबाज राइफलें और ऑप्टिक्स, PK/PKM व DShK जैसी हल्की और भारी मशीनगने शामिल हैं. कस्साम ब्रिगेड ने कई बार इजराइल पर हमला किया है.
सभी बंधक इजराइल पहुंचेसोमवार को रिहाई के दौरान हमास ने बंधकोंं को रेड क्रॉस को सौंपा, जिन्हें बाद में इजराइली सेना को सौंपा गया. सभी बंधक इजराइल पहुंच चुके हैं. मारे गए 28 बंधकों के शव आज ही सौंपे जाने हैं. इसके साथ ही लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा किया जाएगा. इजराइल ने पिछले दो सालों में गाजा पर कई बार हमास पर हमले किए हैं. इन हमलों में कई हमास के लड़ाके और नेता मारे गए हैं. गाजा का अधिकांश हिस्सा अब बंजर भूमि में बदल चुका है.
बंधकों और कैदियों की रिहाई गाजा युद्ध को खत्म करने की योजना का पहला कदम है. यह योजना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की है. शुक्रवार से गाजा में युद्धविराम लागू हो चुका है. अब वार्ता के अगले चरण में हमास की मांगों पर बात होनी है. इस वार्ता में हमास से कहा जाएगा कि वह अपनी हथियार छोड़ दे और गाजा पर अपना शासन खत्म करे. गाजा क्षेत्र पर 2007 से हमास का नियंत्रण है.