पेंशनधारकों के लिए हर साल की वो परेशानी भरी प्रक्रिया अब इतनी आसान हो गई है कि आपको घर से हिलने की भी जरूरत नहीं। जी हां, अब जीवितता प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने का पूरा काम डिजिटल हो गया है। डाक विभाग का कर्मचारी आपके घर आएगा और आधार आधारित बायोमेट्रिक तरीके से आपका प्रमाणपत्र बना देगा।
इसके लिए सिर्फ 70 रुपये का छोटा-सा शुल्क देना होगा, वो भी ऑनलाइन। प्रमाणपत्र की कॉपी आपके मोबाइल, ईमेल और बैंक या पेंशन विभाग के पोर्टल पर तुरंत पहुंच जाएगी। ये सुविधा डिजिटल इंडिया की ताकत को दिखाती है, जहां सरकारी योजनाएं अब आपके दरवाजे तक पहुंच रही हैं।
डाकिया बना डिजिटल सेवाओं का सुपरहीरोपोस्टमास्टर जनरल सुनील कुमार राय का कहना है कि डाक विभाग अब सिर्फ चिट्ठियां बांटने वाला नहीं रहा। ये अब आधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए लोगों को डिजिटल दुनिया से जोड़ रहा है। पहले पेंशनर्स को जीवितता प्रमाणपत्र के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता था। लेकिन अब आप नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाएं या इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ऐप से बुकिंग करें।
डाकिया तय समय पर आपके घर आएगा और कुछ ही मिनटों में आधार बायोमेट्रिक के जरिए काम पूरा कर देगा। ये बदलाव डिजिटल इंडिया को और मजबूत करता है, जहां हर सरकारी योजना आसानी से उपलब्ध है।
राष्ट्रीय डाक सप्ताह का धमाल6 से 10 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। हर दिन की थीम अलग थी। 6 अक्टूबर को टेक्नोलॉजी दिवस पर डिजिटल डाक सेवाओं की जानकारी दी गई, जिसमें जीवितता प्रमाणपत्र जैसी सुविधाओं पर खास जोर रहा। 7 अक्टूबर को वित्तीय समावेशन दिवस पर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत कई खाते खोले गए। 8 अक्टूबर को फिलैटली दिवस पर बच्चों के लिए मजेदार प्रतियोगिताएं हुईं।
9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत ढेर सारे पेड़ लगाए गए। 10 अक्टूबर को ग्राहक दिवस पर लोगों को डाक विभाग की डिजिटल सेवाओं से जोड़ा गया। ये सप्ताह दिखाता है कि डाक विभाग डिजिटल इंडिया का कितना अहम हिस्सा बन चुका है।
हर महीने दो बार ‘डाक सेवा समाधान दिवस’लोगों की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए डाक विभाग ने ‘डाक सेवा समाधान दिवस’ शुरू किया है। ये हर महीने के पहले और तीसरे शुक्रवार को होगा। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक डाक अधीक्षक और सीनियर अफसर सीधे लोगों से मिलेंगे और उनकी शिकायतों का समाधान करेंगे। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी। ये कदम सरकारी योजनाओं को और प्रभावी बनाएगा।
डाक विभाग: डिजिटल इंडिया का भरोसेमंद साथीपीएमजी राय कहते हैं कि भारतीय डाक विभाग अब देश का सबसे भरोसेमंद ‘डिजिटल पब्लिक सर्विस पुल’ बन गया है। डाकिए गांव-गांव जाकर बैंकिंग, बीमा और निवेश सेवाएं पहुंचा रहे हैं। चाहे बुजुर्गों का जीवितता प्रमाणपत्र हो या लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना का खाता, सब कुछ अब घर-घर उपलब्ध है। ये बदलाव डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम है और ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजनाओं की पहुंच को आसान बना रहा है।