बंगाल में दुष्कर्म पर झामुमो-कांग्रेस की चुप्पी महिला सुरक्षा पर दोहरा मापदंड को करती है बेनक़ाब : राफिया
Udaipur Kiran Hindi October 14, 2025 08:42 AM

रांची, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा कि West Bengal के दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की सनसनीखेज और हृदय विदारक घटना ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं है बल्कि यह Chief Minister ममता बनर्जी की मां, माटी, मानुष के नारे वाली सरकार के निकम्मेपन का सच है, जिसने बंगाल की धरती को बेटियों के लिए असुरक्षित बना दिया है.

राफिया नाज़ ने Monday को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दुष्कार्म की इस जघन्य वारदात की निंदा करते हुए कहा कि यह वही बंगाल है, जहां कुछ समय पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुई दरिंदगी को देश भूला नहीं है . अब दुर्गापुर में एक और बेटी अपनी हवस का शिकार बनाई गई.

उन्होंने सवाल उठाया कि एक तरफ हमारी बेटियां चांद तक पहुंच रही हैं, सेना के लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, हर क्षेत्र में देश का नाम रौशन कर रही हैं, तो क्या दूसरी तरफ एक निकम्मी और संवेदनहीन सरकार की वजह से हमारी बेटियों को डर के साए में जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. क्या वे अपने कॉलेज परिसर के बाहर भी सुरक्षित नहीं हैं. उन्हों ने कहा कि कहा कि दुर्गापुर की घटना पर Chief Minister ममता बनर्जी का यह कहना कि बेटियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए, अत्यंत शर्मनाक और गैर-जिम्मेदाराना है. यह बयान अपराधियों को संरक्षण देने और राज्य सरकार की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने जैसा है. Chief Minister का काम सड़कों को सुरक्षित बनाना है, न कि बेटियों को घर की चारदीवारी में कैद करना. यह बयान साबित करता है कि इंडी गठबंधन वाली बंगाल सरकार बंग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे सकती है, लेकिन अपनी बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकती है.

राफिया ने आगे कहा कि Jharkhand भी बंगाल के इंडी गठबंधन वाली सरकार के मॉडल पर चल रहा है. यहां महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के बढ़ते ग्राफ इसका प्रमाण है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि Jharkhand में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे. एनसीआरबी 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दुष्कंर्म के प्रयास के 1,521 और छेड़छाड़ महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के 2,217 मामले दर्ज हुए. वहीं, विवाहित महिलाओं के उत्पीड़न (दहेज उत्पीड़न) के भी 4,815 मामले सामने आए हैं. यह भयावह डेटा चीख-चीख कर बता रहा है कि Jharkhand की हेमंत सोरेन-कांग्रेस गठबंधन सरकार में भी हमारी बहनें और बेटियां कितनी असुरक्षित हैं.

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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