सनातनियों से दूर और RSS से सावधान… सिद्धारमैया ने कहा संघ ने झूठ फैलाया, क्यों कही ये बात?
TV9 Bharatvarsh October 19, 2025 07:42 PM

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इन दिनों अपने बयानों को लेकर खासे चर्चा में बने हुए हैं. इन बयानों में वे आरएसएस पर जमकर हमला बोल रहे हैं. शनिवार को उन्होंने कहा कि लोगों को सनातनियों की संगत से बचना चाहिए और RSS से सावधान रहना चाहिए. क्योंकि उन्होंने इतिहास में हमेशा डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके बनाए संविधान का विरोध किया है.

सिद्धारमैया ने लोगों से प्रगतिशील और तर्कसंगत ताकतों के साथ जुड़ने की अपील की है. शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और अंधविश्वासों को त्यागने की बात कही है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से समाज सही दिशा में आगे बढ़ सकेगा. सिद्धारमैया ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने दुनिया के कई देशों के संविधान पढ़े और उनमें से भारत के लिए सबसे अच्छा संविधान बनाया है.

सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि हमें और लगभग हर किसी को अपनी संगति सही रखनी चाहिए. समाज के भले के लिए काम करने वालों के साथ रहिए, न कि उन सनातनियों के साथ जो सामाजिक बदलाव का विरोध करते हैं.

कट्टरपंथी सोच समाज में मौजूद

मुख्यमंत्री ने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंके जाने की घटना का भी ज़िक्र किया और इसे गहरी जड़ें जमाए रूढ़िवादिता का प्रतीक बताया है. उन्होंने कहा, “एक ‘सनातनी’ द्वारा मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकना यह दर्शाता है कि समाज में अभी भी ‘सनातनी’ और रूढ़िवादी तत्व मौजूद हैं. इस घटना की सिर्फ दलितों को नहीं बल्कि हर भारतीय को निंदा करनी चाहिए. तभी कहा जा सकता है कि समाज बदलाव के रास्ते पर है.

आरएसएस करता है अंबेडकर का विरोध- सिद्धारमैया

सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि आरएसएस और संघ परिवार ने हमेशा अंबेडकर के दृष्टिकोण का विरोध किया है और संविधान के मूल्यों को चुनौती देते रहे हैं. उन्होंने कहा, “वे झूठ फैला रहे हैं कि कांग्रेस ने चुनावों में अंबेडकर को हराया था, लेकिन सच्चाई वही है जो अंबेडकर ने खुद अपनी लिखी थी. ‘सावरकर और डांगे ने मुझे हराया है’ संघ परिवार के झूठ को उजागर करने के लिए ऐसी सच्चाइयों को समाज के सामने रखा जाना चाहिए. ”

अंधविश्वास को त्याग दें- सीएम

सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें बुद्ध, बसव और अंबेडकर के विचारों से प्रेरणा मिलती है, और उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रगति का मार्गदर्शन तार्किकता को करना चाहिए. उन्होंने कहा, “इसलिए मुझे उम्मीद है कि तार्किकता और वैज्ञानिक सोच बढ़ेगी. ऐसा व्यक्ति न बनें जो विज्ञान का अध्ययन तो करता है, लेकिन फिर भी अंधविश्वासों का पालन करता है.”

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