Kartik Amavasya 2025: आज भी है कार्तिक अमावस्या, जान लें समय और पूजन की विधि
TV9 Bharatvarsh October 21, 2025 08:42 PM

Kartik Amavasya 2025 Muhurat And Puja Vidhi: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है. कार्तिक अमावस्या का तो विशेष महत्व माना गया है. हर साल दिवाली इसी तिथि पर मनाई जाती है. देशभर में दिवाली कल मनाई गई, लेकिन कल से शुरू हुई अमावस्या तिथि का समापन आज होगा. उदयातिथि के अनुसार, कार्तिक अमावस्या आज है. अमावस्या से जुड़ा स्नान-दान इत्यादि अनुष्ठान आज किया जाएगा.

कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी, भगवान कृष्ण और श्री हरि विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. ये दिन स्नान-दान और पूूजा-पाठ आदि कार्यों के लिए बेहद पुण्यदायी माना जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, कार्तिक अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और दान से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व माना गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं अमावस्या की तिथि, मुहूर्त और इसकी पूजन विधि.

कार्तिक अमावस्या 2025 तिथि और मुहूर्त (Kartik Amavasya 2025 Tithi And Muhurat)

कार्तिक अमावस्या की तिथि 20 अक्टूबर सोमवार को दोपहर 03 बजकर 44 बजे से प्रारंभ हो चुकी है. इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर यानी आज शाम के समय 05 बजकर 54 मिनट पर होगा. आज अभिजित मुहूर्त सुबह 11:43 से लेकर दोपहर 12:28 बजे तक रहेगा.

कार्तिक अमावस्या पूजा विधि (Kartik Amavasya Puja Vidhi)

कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की भी इस दिन तुलसी जी की पूजा भी की जाती है. इस दिन प्रातःकाल नदी, जलाश्य या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. फिर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. इसके बाद जल में तिल प्रवाहित करना चाहिए. नवग्रहों की शांति के लिए प्रातःकाल नवग्रह स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए. कार्तिक अमावस्या के दिन शिवलिंग का शहद से अभिषेक करना चाहिए.

कार्तिक अमावस्या का महत्व ( Kartik Amavasya Significance)

कार्तिक मास की अमावस्या विशेष महत्व रखती है. पौराणिक मान्यताओं अनुसार, महाभारत के शांति पर्व में भगवान कृष्ण ने स्वंय इसको महत्वपूर्ण बताया है. श्रीकृष्ण ने इसे अपना प्रिय दिन कहा है. यह दिन अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रतीक माना जाता है. साथ ही ये दिन आत्मिक शुद्धि का भी होता है. इस दिन पितरों के लिए तर्पण और दान पुण्य करना अत्यंत शुभ माना गया है.

ये भी पढ़ें:Govardhan Puja 2025: आज या कल कब है गोवर्धन पूजा? नोट कर लें सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

(Disclaimer:इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.