उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का एक छोटा सा गांव इस समय गहरे आतंक के साए में है। यहां की मस्जिद के ऊपर मौलाना इब्राहिम के निवास में उनकी पत्नी और दो छोटी बेटियों (जिनकी उम्र 5 और 3 वर्ष थी) की निर्मम हत्या कर दी गई। एक साथ तीन शवों की खबर ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। मौलाना इब्राहिम देवबंद में एक कार्यक्रम में गए हुए थे, तभी उनके परिवार की दुनिया बर्बाद कर दी गई। इस भयानक त्रैतीय हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया और तुरंत सात पुलिस टीमों को जांच में लगाया गया।
पुलिस ने केवल 6 घंटे के भीतर इस चौंकाने वाली घटना का खुलासा कर दिया। हत्या का आरोप किसी बाहरी व्यक्ति पर नहीं, बल्कि मौलाना इब्राहिम के दो छात्रों पर लगा, जो उनसे इस्लाम की शिक्षा ले रहे थे। पूछताछ में यह सामने आया कि मौलाना कभी-कभी पढ़ाई में सख्ती दिखाते थे, जिससे छात्रों के दिल में नफरत पनप गई, और उन्होंने इस भयानक घटना को अंजाम दिया।
हालांकि पुलिस ने इस मामले को सुलझाने का दावा किया है, लेकिन कई गंभीर सवाल अब भी उठ रहे हैं। मौलाना के साले का कहना है कि छोटे बच्चे इतनी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे सकते। उन्होंने बताया कि हत्या से पहले घर में लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ा गया था। यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या मौलाना को शिक्षा देना इतना बड़ा अपराध बन गया? और क्या वास्तव में केवल दो नाबालिग बच्चे मिलकर इस तरह के त्रैतीय हत्या को अंजाम दे सकते हैं? इन सभी पहलुओं की गहराई से जांच की आवश्यकता है।