सोवरेन गोल्ड बॉन्ड की रिडम्पशन प्राइस की जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2017-18 सीरीज-IV के सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के अंतिम रिडम्पशन मूल्य की जानकारी साझा की है। इस सीरीज के तहत जारी किए गए गोल्ड बॉन्ड की अंतिम रिडम्पशन तिथि 23 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है, जिसका अर्थ है कि निवेशक इस दिन अपने निवेश की पूरी राशि वापस ले सकेंगे।
SGB एक सरकारी योजना है, जिसमें निवेशक सोने में निवेश करते हैं, लेकिन वास्तविक सोना नहीं खरीदते। इसके बदले में उन्हें ऐसे बॉन्ड मिलते हैं, जिनकी कीमत सोने के बाजार भाव पर निर्भर करती है। ये बॉन्ड आठ साल की अवधि के लिए जारी होते हैं, लेकिन निवेशकों को पांच साल बाद प्री रिडम्पशन का विकल्प भी दिया जाता है।
रिडम्पशन मूल्य और लाभ
आरबीआई ने बताया है कि 23 अक्टूबर 2025 को इस सीरीज के बॉन्ड का रिडम्पशन मूल्य प्रति यूनिट 12,704 रुपये होगा। यह मूल्य सोने के बाजार भाव के आधार पर निर्धारित किया गया है, जो अक्टूबर 2025 के पहले तीन दिनों के औसत सोने के दाम पर आधारित है। इस सीरीज को शुरू में लगभग 2,971 रुपये प्रति ग्राम की दर से जारी किया गया था, जिससे निवेशकों को इस आठ साल की अवधि में लगभग 325% का लाभ होगा। यह रिटर्न ब्याज के अलावा है, जो दर्शाता है कि सोने में निवेश करने वालों को दीर्घकालिक लाभ हुआ है।
समय से पहले रिडम्पशन और नियम
SGB में निवेशक आठ साल तक बॉन्ड रख सकते हैं, लेकिन पांच साल पूरे होने के बाद वे समय से पहले रिडीम भी कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि कोई निवेशक अपनी आवश्यकता के कारण पांच साल के बाद बॉन्ड को वापस करना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, इस रिडम्पशन प्रक्रिया को सरलता से पूरा किया जा सकता है। सरकार इस योजना को सोने में निवेश का एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प मानती है।
निवेशक की मृत्यु की स्थिति में क्या करें?
यदि निवेशक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को बॉन्ड की राशि प्राप्त करने का अधिकार होता है। नॉमिनी संबंधित कार्यालय से संपर्क कर सकता है और सरकारी नियमों के अनुसार क्लेम प्रस्तुत कर सकता है। यदि नामांकन नहीं किया गया है, तो मृतक निवेशक के वारिस संबंधित दस्तावेजों के साथ दावा कर सकते हैं। यह नियम नाबालिग निवेशकों पर भी लागू होता है।
SGB क्यों है विशेष?
SGB में सोने की वास्तविक कीमत के साथ-साथ ब्याज भी मिलता है, जो इसे सोना खरीदने की तुलना में अधिक लाभकारी बनाता है। इसके अलावा, इसे रखना आसान होता है और चोरी का खतरा नहीं रहता। यह एक सरकारी गारंटी वाला निवेश है, जिससे आपका पैसा सुरक्षित रहता है। निवेशक लंबे समय तक इस बॉन्ड को रखकर बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर पांच साल बाद भी इसे नकदी में बदल सकते हैं.