बिलियनेयर इन्वेस्टर Ray Dalio की चेतावनी, रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों से डूब सकता है डॉलर, सोने की कीमतें बढ़ने की संभावना

बिलियनेयर निवेशक Ray Dalio ने शुक्रवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट X पर चेतावनी देते हुए लिखा कि रूस की तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट में हलचल पैदा कर सकते हैं, डॉलर को कमजोर कर सकते हैं और सोने की कीमतों को बढ़ा सकते हैं। डालियो ने कहा, “इतिहास और लॉजिक से स्पष्ट होता है कि प्रतिबंध फिएट मुद्राओं और उनके कर्ज की मांग को घटाते हैं और सोने का समर्थन करते हैं।” उन्होंने अतीत के उदाहरणों की ओर इशारा किया, जब आर्थिक युद्ध ने ग्लोबल मॉनेटरी डायनेमिक्स को बदल दिया था।
रूस की तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध के बाद आई डालियों की टिप्पणीडालियो की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब वॉशिंगटन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इस कदम ने तेल आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ा दी और सप्ताह की शुरुआत में तेल की कीमतें बढ़ गईं। शुक्रवार सुबह ब्रेंट क्रूड 36 सेंट गिरकर $65.63 प्रति बैरल और यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 33 सेंट गिरकर $61.43 प्रति बैरल पर रहा।
इतिहास में प्रतिबंधों का असर
डालियो ने कहा, “इतिहास में, शूटिंग वार से पहले और दौरान फाइनेंशियल और इकोनॉमिक युद्ध होते रहे हैं, जिन्हें हम अब प्रतिबंध कहते हैं।” उन्होंने बताया कि जब कर्जदार अपने दायित्वों का भुगतान नहीं करता, तो यह कर्जदाता को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन इससे कर्जदार की मुद्रा और कर्ज भी कमजोर हो जाता है। यह प्रभाव और भी बढ़ जाता है जब यह विश्व की अग्रणी शक्ति की रिजर्व मुद्रा से जुड़ा हो।
सोने का महत्व
इन घटनाओं के बीच सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया। शुक्रवार सुबह स्पॉट गोल्ड 0.2% गिरकर $4,118.68 प्रति औंस पर था, जो 10 सप्ताह में पहली साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स 0.3% गिरकर $4,133.40 प्रति औंस रहे। डालियो ने सोने की स्थायी भूमिका पर जोर दिया और कहा कि सोना “सुरक्षित और सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य” है और करेंसी स्ट्रेस और लो इंटरेस्ट रेट के दौरान इसकी कीमत बढ़ती है। खासकर इस महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर कटौती की उम्मीदों के बीच, निवेशक सोने को हेज के रूप में देख रहे हैं।
डॉलर की मजबूती और ग्लोबल पर्सपेक्टिव
डॉलर इंडेक्स, जो डॉलर को अन्य करेंसी के मुकाबले ट्रैक करता है, शुक्रवार को लगातार तीसरे सत्र में 99 पर पहुंच गया, जिससे सोना अन्य करेंसी में महंगा हो गया। वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच ट्रेड टेंशन ने भी ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बढ़ा दी है। डालियो की चेतावनी इस बात को और मजबूती देती है कि रूस पर प्रतिबंध जैसे जियो-पॉलिटिकल और आर्थिक झटके केवल टार्गेट देश तक सीमित नहीं रहते, बल्कि रिजर्व करेंसी, डेट मार्केट्स और सोने जैसे सुरक्षित निवेश पर भी असर डालते हैं। उन्होंने लिखा, “सोने का मूल्य बढ़ता है, क्योंकि यह एक गैर-फिएट मुद्रा है, जो सुरक्षित और सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य है।”