भोपाल में कार्बाइड गन से हादसे
दिवाली के अवसर पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित अन्य जिलों में कार्बाइड गन के कारण हुए हादसों ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। इन देसी पटाखा गनों के चलते लगभग 300 व्यक्तियों की आंखों को नुकसान पहुंचा है, जिसमें सबसे अधिक मामले भोपाल से हैं, जहां 162 से अधिक लोगों की दृष्टि प्रभावित हुई है। इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है।
एडीएम प्रकाश नायक ने गुरुवार रात को आदेश जारी करते हुए कार्बाइड पाइप गन की बिक्री, खरीद और स्टॉक पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यदि कोई व्यक्ति इस पर रोक के बावजूद गन बेचता या खरीदता पाया गया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। जांच की जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी गई है, जो अब थोक और रिटेल पटाखा दुकानों की जांच करेंगे।
36 लोग हुए घायल
भोपाल में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। मोहम्मद ताहा नामक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसी प्रकार, ग्वालियर में एक युवक शाहिद अली को कार्बाइड गन बेचते हुए पकड़ा गया है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वहां अब तक 36 लोग इस गन से घायल हो चुके हैं।
15 लोगों की आंखों में सर्जरी
गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में वर्तमान में 36 मरीजों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने अब तक 15 लोगों की सर्जरी की है। दो बच्चों की आंखों में डॉक्टरों ने एमनियोटिक मेम्ब्रेन (झिल्ली) लगाई है, जो सामान्यतः प्रसव के दौरान निकलती है और आंखों की मरम्मत में सहायक होती है।
कान और आंखों के लिए खतरनाक
प्रशासन के अनुसार, ये गन वास्तव में लोहे, स्टील या पीवीसी पाइप से बनी होती हैं, जिनमें विस्फोटक सामग्री भरी जाती है। इससे तेज धमाका होता है, जो कानों और आंखों दोनों के लिए अत्यंत खतरनाक है। अब इस प्रकार की गनों की बिक्री और उपयोग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि किसी की जान को खतरा न हो।
दिशा-निर्देश
1. कोई भी व्यक्ति, संस्था या व्यापारी प्रतिबंधित पटाखे या कार्बाइड गन का निर्माण नहीं करेगा.
2. लोहे, स्टील या पीवीसी पाइपों में विस्फोटक भरकर बने अवैध पटाखों (कार्बाइड गन) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है.
3. इन पटाखों को खरीदना, बेचना या स्टॉक में रखना सख्त रूप से गैरकानूनी होगा.
4. आदेश का उल्लंघन करने वालों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
5. एसडीएम, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी और संबंधित विभाग इस आदेश के सख्त अनुपालन की निगरानी करेंगे.