क्या पत्नी बिना पति की अनुमति के अपनी संपत्ति बेच सकती है? जानें कानून की सच्चाई
Gyanhigyan October 26, 2025 01:42 PM
पत्नी की संपत्ति पर उसके अधिकार

यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या एक पत्नी अपनी संपत्ति को अपने पति की अनुमति के बिना बेच सकती है। यह एक पुरानी धारणा है, लेकिन इसके पीछे कई गलतफहमियां भी हैं। इस लेख में हम इस मुद्दे पर कानून के अनुसार स्पष्टता प्रदान करेंगे।


पत्नी की व्यक्तिगत संपत्ति पर उसका पूरा अधिकार

यदि संपत्ति केवल पत्नी के नाम पर है और वह उसकी खुद की खरीदी हुई या उपहार में मिली है, तो उसे बेचने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। यह भारतीय कानून के तहत उसका कानूनी अधिकार है, जिसे हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी मान्यता दी है।


ऐसी संपत्ति को पत्नी जब चाहे बेच सकती है या ट्रांसफर कर सकती है। पति का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता, क्योंकि संपत्ति का मालिकाना हक पूरी तरह से पत्नी का होता है।


संयुक्त संपत्ति में सहमति की आवश्यकता

जब संपत्ति पति और पत्नी दोनों के नाम पर होती है, तो इसे संयुक्त स्वामित्व कहा जाता है। ऐसी स्थिति में, किसी एक पक्ष को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की अनुमति नहीं होती। संपत्ति को बेचने या ट्रांसफर करने के लिए दोनों की सहमति आवश्यक होती है।


पति की संपत्ति पर पत्नी का अधिकार

पति की स्वयं अर्जित संपत्ति पर पत्नी का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता जब तक कि पति उसे अपनी वसीयत में न दे या उपहार में न दे। पत्नी को यह अधिकार विशेष परिस्थितियों में मिलता है, जैसे पति की मृत्यु या तलाक के बाद।


तलाक की स्थिति में संपत्ति अधिकार

यदि पति-पत्नी के बीच तलाक हो गया है या वे अलग रह रहे हैं, तो संपत्ति अधिकार पूरी तरह समाप्त नहीं होते। पत्नी, यदि बेरोजगार है, तो वह पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है।


संपत्ति की श्रेणियाँ

यदि कोई व्यक्ति शादी से पहले संपत्ति खरीदता है, तो वह उसकी व्यक्तिगत संपत्ति मानी जाती है। शादी के बाद यदि संपत्ति दोनों की आय से खरीदी जाती है, तो दूसरे पक्ष का भी उस पर अधिकार होता है।


गलत धारणाएं और उनके समाधान

यह धारणा कि महिलाएं संपत्ति बेचने के लिए पति की अनुमति की मोहताज होती हैं, अब पुरानी हो चुकी है। आज के कानून महिलाओं को संपत्ति पर समान अधिकार प्रदान करते हैं।


कानूनी सतर्कता का महत्व

यदि आप संपत्ति बेचने या खरीदने जा रहे हैं, तो सभी दस्तावेजों की जांच करना आवश्यक है और सभी पक्षों की लिखित सहमति लेना जरूरी है। किसी भी विवाद से बचने के लिए अनुभवी वकील की सलाह अवश्य लें।


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.