थार से रौंदकर किसान को मार डाला, एक घंटे तक लाश के पास बंदूक लेकर बैठा रहा अपराधी, बचाने आई बेटियों के कपड़े फाड़े
Himachali Khabar Hindi October 28, 2025 02:42 AM

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गणेशपुरा गांव में बीजेपी नेता महेंद्र नागर और उनके साथियों पर एक किसान की हत्या और उसकी बेटियों पर हमले का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार, यह घटना तब हुई जब किसान राम स्वरूप धाकड़ अपनी पत्नी के साथ खेत जा रहे थे. शिकायत के मुताबिक, महेंद्र नागर और उनके साथियों ने रास्ते में धाकड़ को घेर लिया, उन पर लाठियों और रॉड से हमला किया, और बाद में थार जीप से उनके शरीर को कुचल दिया. पीड़ित के परिवार का कहना है कि नागर छोटे किसानों को उनकी जमीन बेचने के लिए धमका रहे थे, और धाकड़ के मना करने पर यह हमला हुआ. जब धाकड़ की बेटियां अपने माता-पिता की चीखें सुनकर मौके पर पहुंचीं, तो उन पर भी हमला किया गया.

एक बेटी ने बताया, “मैं अपने पिता को बचाने गई. उन्होंने मुझे दबोच लिया, मारपीट की और मेरे कपड़े फाड़ दिए. उन्होंने मुझ पर गोली भी चलाई. मेरे माता-पिता खेत जा रहे थे, तभी आरोपी आए और उन पर हमला करने लगे. जब मेरी मां ने बीच-बचाव किया, तो उन्होंने मेरे पिता को गाड़ी से कुचल दिया.” पीड़ित के भाई रामकुमार ने बताया कि हमला करीब एक घंटे तक चला. उन्होंने दोनों बेटियों के कपड़े फाड़े और करीब 20 लोग हवा में गोलियां चला रहे थे, जिससे हम डर गए. फिर उन्होंने ट्रैक्टर और बाद में कार से मेरे भाई को कुचल दिया.

पुलिस ने बताया कि घायल किसान को करीब एक घंटे तक अस्पताल नहीं ले जाया गया, क्योंकि आरोपी बंदूक की नोक पर उनके शव की रखवाली कर रहे थे. जब धाकड़ को जिला अस्पताल ले जाया गया, तब इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. महेंद्र नागर, उनकी तीन महिला रिश्तेदारों और 14 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. फतेहगढ़ थाना प्रभारी जयनारायण शर्मा ने कहा कि पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए गए हैं, और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.

कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने इस घटना की निंदा की और राज्य सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में हिंसा, लूट और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ही गृह मंत्री हैं, और उनके सामने यह सब हो रहा है. पुलिस सत्ताधारियों के डर से काम कर रही है. गणेशपुरा के निवासियों का कहना है कि महेंद्र नागर लंबे समय से छोटे किसानों को डराकर उनकी जमीन सस्ते दामों पर बेचने और गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे थे.

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