New Delhi, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . उच्चतम न्यायालय
ने फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपित उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिकाओं पर अब तक जवाब दाखिल नहीं करने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. जस्टिस अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब समय दिया गया था तो जवाब दाखिल क्यों नहीं किया गया. कोर्ट ने जमानत याचिकाओं पर अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को करने का आदेश दिया.
दरअसल, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एनएसजी एसवी राजू ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय देने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही 5 साल हिरासत में गुजार चुके हैं, आप 31 अक्टूबर तक जवाब दाखिल कीजिए.
कोर्ट ने जमानत याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था. सभी आरोपितों ने दिल्ली उच्च न्यायालय
की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है. 2 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय
ने दिल्ली दंगों की साजिश रचने के 9 आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. उच्च न्यायालय में जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने जिन आरोपितों की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था उनमें अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद शामिल हैं.
जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अगर आरोपित देश के खिलाफ कार्रवाई करें तो उनके लिए बेहतर जगह जेल ही है. मेहता ने कहा था कि दिल्ली में दंगे पूर्व नियोजित थे. दंगों की जिस तरह से योजना बनाई गई थी वो किसी को जमानत का हक नहीं देता है. ये कोई साधारण अपराध नहीं है बल्कि सुनियोजित दंगों की साजिश रचने का मामला है. मेहता ने कहा था कि दंगों की साजिश रचने के आरोपित इसका प्रभाव पूरे देश में देखना चाहते थे.
इस मामले के आरोपित उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि महज व्हाट्स ऐप ग्रुप का सदस्य होना किसी अपराध में शामिल होने का सबूत नहीं है. उमर खालिद के वकील त्रिदिप पेस ने दिल्ली पुलिस की ओर से साक्ष्य के तौर पर पेश किए गए व्हाट्स ऐप ग्रुप चैटिंग पर कहा था कि उमर खालिद तीन व्हाट्स ऐप ग्रुप में शामिल जरुर था लेकिन शायद ही किसी ग्रुप में मैसेज भेजा हो. उन्होंने कहा था कि किसी व्हाट्स ऐप ग्रुप में शामिल होना भर किसी गलती का संकेत नहीं है. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद ने किसी के पूछने पर केवल विरोध स्थल का लोकेशन शेयर किया था. फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे.
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी