देहरादूंन। भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा है जिस से पूरा राष्ट्र ग्रसित है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध स्व धर्म सिंह रावत, पू आई ए एस द्वारा साधन के विरुद्ध आवाज उठाई थी और बाद में भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी की स्थापना 1996 में की,जिसका मुख्य उद्देश्य न्यायपालिक,कार्यपालिका,एवं विधायिका में दायत्व शीलता,जवाबदेही एवं पारदर्शिता लाना एवं एक आदर्श राजनीति स्थापित करना है। पार्टी का यह भी मानना है कि चुनाव प्रक्रिया सीमित खर्च में हो और खर्चा राजकीय कोष से हो। पुलिस रिफॉर्म के अंतर्गत पुलिस कर्मियों को मित्रवत व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जाए।
सूचना के अधिकार के अंतर्गत समस्त पार्टियों को रखा जाए। चुनाव प्रक्रिया देशभर में एक साथ हो और मतदाता सूची सभी स्तरों पर चुनाव हेतु उपयोग में लाई जाए। शराब बंदी एवं नशा उन्मूलन पर गंभीरता से निर्णय लिया जाए। महिला सशक्तिकरण पर बल दिया जाए। नवयुवकों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए। आयुर्वेद योग,नेचुरोपैथी तथा पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा को प्रोत्साहन दिया जाए,प्रत्येक जनपद में गुरुकुल एवं योग केंद्र स्थापित हो और नैतिक एवं तकनीकी शिक्षा पर बल दिया जाए। प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर गौशाला एवं गो रक्षा समिति की स्थापना हो।
लोकपाल बिल के अनुसार प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति की जाए। प्राइमरी सहकारी कृषि समिति हेतु प्रोत्साहन दिया जाए। उत्तराखंड के संदर्भ में उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। पर्वतीय क्षेत्र के प्रत्येक ब्लॉक में चिकित्सक की नियुक्ति के साथ चिकित्सालय समस्त सुविधा युक्त हो। गैरसैंण राजधानी हो। देव भूमि में शराब एवं नशाबंदी हो।
उत्तराखंड मूल निवासियों को/नवयुवकों को शासकीय सेवा में प्राथमिकता दी जाए। भूत पूर्व सैनिकों की राष्ट्र सेवा को देखते हुए विशेष सुविधा और पुनः सेवा का अवसर प्रदान हो। भूमि सुधार कानून संशोधन नागरिकों के हित में हो। मूल निवासी जो प्रवास में सेवा में है उन्हें ऑन लाइन अपने जनपद से कार्य की अनुमति दी जय, ताकि पलायन की समस्या हल हो सके।