लखनऊ के एक युवक को शहर में खुलेआम घूमते हुए तेंदुए के सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई और उन्होंने तेंदुए को ढूंढने के लिए अपने CCTV फुटेज चेक किए।
वन विभाग ने जल्द ही तेंदुए का पता लगाने के लिए जांच शुरू की। जब उन्होंने फुटेज को ध्यान से देखा, तो वे यह जानकर हैरान रह गए कि वीडियो नकली है और AI से बनाया गया है।
तेंदुए के साथ वीडियो एडिट करके सर्कुलेट करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि कोई तेंदुआ नहीं देखा गया था और वीडियो AI से बनाया गया है।
युवक ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा था, "मेरे घर के पास देखा गया।" नेटिज़न्स ने तुरंत जवाब दिया और कमेंट्स की बाढ़ आ गई।
एक यूज़र ने लिखा, "सरकार को एक ऐसी पॉलिसी बनानी चाहिए कि AI से बनाए गए किसी भी ऑडियो, वीडियो या इमेज पर एक डिस्क्लेमर लेबल लगा होना चाहिए जो यह बताए कि यह AI से बनाया गया है या AI की मदद से बनाया गया है। इससे बहुत सारी कन्फ्यूजन और गलत जानकारी से बचा जा सकेगा।"
एक और यूज़र ने लिखा, "AI इमेज बना सकता है, लेकिन यह बेल के पैसे नहीं बना सकता। शायद इन स्किल्स का इस्तेमाल पुलिस रिकॉर्ड बनाने के बजाय इनकम का ज़रिया बनाने में करना चाहिए।"
कई यूज़र्स ने इस काम की निंदा की और वन विभाग और पुलिस की तेज़ी से कार्रवाई के लिए उनकी तारीफ की।