दिवाली 2025: एक खास त्योहार 
दिवाली 2025: यह दिन सभी के लिए विशेष होता है। यह एक ऐसा पर्व है जब परिवार के सभी सदस्य एकत्र होकर इसे मनाते हैं। इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों को उपहार, मिठाइयाँ और तोहफे भेजते हैं। सोन पापड़ी भी इस दिन एक लोकप्रिय मिठाई है, जिसे लोग एक-दूसरे को भेंट करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोन पापड़ी को उपहार में देने की परंपरा कैसे शुरू हुई? आइए, इसके इतिहास और इसे बनाने की सरल विधि के बारे में जानते हैं।
सोन पापड़ी एक ऐसी मिठाई है जो मुंह में जाते ही घुल जाती है। इसकी स्वादिष्टता के साथ-साथ इसे बनाना भी आसान है। भारतीय व्यंजनों में सोन पापड़ी का उल्लेख अक्सर किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका इतिहास पंजाब से जुड़ा हुआ है। पहले पंजाब में बेसन के लड्डू बनाने के साथ-साथ पतीसा भी बनाया जाता था। धीरे-धीरे, पतीसा को सोन पापड़ी के नाम से जाना जाने लगा। कुछ लोगों का मानना है कि यह फारस की पश्मक मिठाई से प्रेरित है, जिसका अर्थ है 'उन जैसा खाद्य पदार्थ', जो सोन पापड़ी की बनावट को दर्शाता है।
1. 1 कप बेसन
2. 2 चम्मच मैदा
3. 1 कप चीनी
4. 1/2 कप पानी
5. 1 चम्मच घी
1. सबसे पहले, एक कढ़ाई में घी गरम करें और उसमें बेसन और मैदा को भूनें।
2. मिश्रण को ठंडा होने दें और एक तरफ रख दें। दूसरी ओर, चाशनी बनाने की प्रक्रिया शुरू करें।
3. एक बर्तन में चीनी और पानी डालकर गैस पर पकने के लिए रखें। चाशनी को अच्छी तरह से चलाते रहें।
4. चाशनी की स्थिरता जांचने के लिए एक बर्तन में पानी लें और उसमें चाशनी डालें। यदि चाशनी घुल जाए, तो यह तैयार है। इसे तब तक पकाएं जब तक इसका रंग न बदल जाए।
5. जब चाशनी गोल आकार में इकट्ठा हो जाए, तो इसे निकालकर ठंडा होने के लिए रख दें।
6. जब चाशनी ठंडी हो जाए, तो उसे खींचकर रिंग बनाना शुरू करें।
7. इसे लगातार 20 बार खींचें और रिंग बनाएं। फिर इसमें बेसन डालकर फिर से खींचें।
8. यह प्रक्रिया तब तक करें जब तक चाशनी रेशे बनाना बंद न कर दे। अब इसे किसी मोल्ड या छोटी कटोरी में डालकर सेट कर लें। आपकी सोन पापड़ी तैयार है।