केँद्र सरकार ने एक बार फिर अपने कुछ कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी का तोहफा दिया है। यह तोहफा उन कर्मचारियों के लिए है जो 5वें और 6वें वेतन आयोग के तहत आते हैं।
ऐसे कर्मचारियों के लिए डीए दरों में संशोधन की घोषणा की है। बता दें कि पिछले सप्ताह ही सातवें वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों के डीए बढ़ाने का ऐलान किया गया था।
कितनी हुई बढ़ोतरी
वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार, 5वें वेतन आयोग के तहत वेतन पाने वाले कर्मचारियों का डीए 466% से बढ़ाकर 474% कर दिया गया है। इस तरह, 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह संशोधित दर 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी। आसान भाषा में समझें तो अब इन कर्मचारियों को अपने मूल वेतन पर 474% की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। बता दें कि 5वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2005 में समाप्त हो गया था। इसके बाद अगले 10 साल तक के लिए 6वें वेतन आयोग का गठन हुआ था। इसके तहत वेतन पाने वाले कर्मचारियों का डीए 252% से बढ़ाकर 257% किया गया है। यह बढ़ोतरी भी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी। बता दें कि जनवरी 2006 से दिसंबर 2015 तक लागू रहा। कुछ केंद्रीय स्वायत्त संस्थान और सार्वजनिक उपक्रम ऐसे हैं, जिन पर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की गईं। इन संस्थानों के कर्मचारी अब भी 5वें या 6वें वेतन आयोग की वेतन संरचना के अंतर्गत आते हैं।
सातवें वेतन आयोग के तहत कितनी बढ़ोतरी
बीते दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाली का तोहफा देते हुए लगभग 49.19 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 68.72 लाख पेंशनभोगियों के डीए और डीआर में तीन प्रतिशत की वृद्धि की। डीए और डीआर अभी तक मूल वेतन/पेंशन का 55 प्रतिशत था और इसमें तीन प्रतिशत की वृद्धि एक जुलाई, 2025 से प्रभावी है। डीए और डीआर में वृद्धि के कारण राजकोष पर कुल मिलाकर 10,083.96 करोड़ रुपये का सालाना प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि केंद्र वर्ष में दो बार डीए और डीआर में संशोधन करता है। मार्च में घोषित पिछला संशोधन एक जनवरी से प्रभावी था।