Delhi AIIMS में पेशेंट केयर भत्ता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संस्थान से मांगा जवाब, ये है मामला
TV9 Bharatvarsh November 16, 2025 03:42 AM

एम्स प्रशासन ने कुछ दिनों पहले गैर चिकित्सकीय कार्यों से जुड़े कर्मचारियों का पेशेंट केयर अलाउंस बंद कर दिया था. इसमें एम्स के अलग- अलग विभागों में तैनात दिव्यांग कर्मचारी भी शामिल थे. एम्स प्रशासन के इस फैसले का एम्स दिव्यांग फेडरेशन ने विरोध किया था और फैसला वापिस लेने की अपील कि थी. हालांकि ये आदेश वापिस नहीं लिया गया था. ऐसे में फेडरेशन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एम्स से चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

एम्स के दिव्यांग फेडरेशन के अध्यक्ष संतदेव चौहान ठाकुर ने बताया कि एम्स में गैर चिकित्सकीय कार्यों में जुड़े सभी लोगों को पहले पेशेंट केयर अलाउंस मिलता था. लेकिन इसको बंद कर दिया गया है. विशेष अलाउंस बंद करने से भविष्य में संकट हो सकता है. ऐसे मे अब सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है संतदेव ने बताया कि इस बाबत उन्होंने एम्स डायरेक्टर को पत्र भी लिखा है और अलाउंस को फिर से बहाल करने की अपील कि है. लेकिन फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है.

एम्स ने कहा सिर्फ इन कर्मचारियों को मिलेगा भत्ता

संतदेव कहते हैं कि जिन लोगों को ये अलांउस बंद किया गया है वह भी मरीजों की केयर से जुड़े हैं.यह भत्ता स्वास्थ्य जोखिम और संक्रमण के खतरे को देखते हुए दिया जाता है, इसलिए सभी योग्य कर्मचारियों को शामिल किया जाना चाहिए. लेकिन अब एम्स ऐसा नहीं कर रहा है, जबकि विभाग या पद से नहीं, बल्कि काम की प्रकृति से तय होना चाहिए की भत्ता किसको मिलना है. लेकिन एम्स के आदेश में कहा गया है कि सिर्फ मेडिकल कर्मचारियों जैसे नर्स या डॉक्टरों को छोड़कर किसी अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों को यह सुविधा नही दी जाएगी.

पेशेंट केयर अलाउंस क्या होता है

सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों को पेशेंट केयर अलाउंस दिया जाता है. यह इसलिए दिया जाता है क्योंकि मरीजों के संपर्क में आने वाले कर्मचारियों को इंफेक्शन का रिस्क होता है. काम के घंटे भी कभी कभी बढ़ जाते हैं. इसी तर्क के आधार पर एम्स प्रशाशन का कहना है कि नॉन मेडकिल कर्मचारियों को भत्ता नहीं दिया जाएगा. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एम्स से जवाब मांगा है.

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