मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। यदि आपके नाम पर जारी किसी सिम कार्ड का उपयोग साइबर धोखाधड़ी या अन्य अवैध गतिविधियों में किया जाता है, तो इसके लिए कानूनी जिम्मेदारी सीधे आपके ऊपर आ सकती है।
दूरसंचार विभाग (DOT) ने इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी किया है। विभाग ने बताया कि IMEI नंबर में छेड़छाड़, फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सिम प्राप्त करना या अपना सिम किसी और को देना—ये सभी गंभीर कानूनी अपराध माने जाएंगे। ऐसे मामलों में असली ग्राहक भी सजा का भागीदार हो सकता है।
DOT ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति के नाम पर लिया गया सिम कार्ड गलत गतिविधियों में उपयोग होता है, तो असली मालिक को भी दोषी ठहराया जा सकता है।
IMEI नंबर में छेड़छाड़ करना, धोखे से सिम खरीदना या अपना सिम दूसरों को उपयोग के लिए देना—इन सभी के गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
DOT के अनुसार, दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत IMEI में छेड़छाड़ करने पर:
3 साल तक की जेल
50 लाख रुपये तक का जुर्माना
लग सकता है।
इसके अलावा, दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 के तहत किसी भी व्यक्ति को IMEI बदलने वाले उपकरणों का निर्माण, बिक्री, उपयोग या अपने पास रखना भी मना है।
दूरसंचार विभाग ने मोबाइल सुरक्षा के लिए 'संचार साथी पोर्टल/ऐप' का उपयोग करने की सलाह दी है। इस पोर्टल पर जाकर आप यह जान सकते हैं कि आपके फोन में असली IMEI है या नहीं।
भारत सरकार के TAFCOP (संचार साथी) पोर्टल पर जाकर आप यह जांच सकते हैं कि आपके आधार से कितने सिम जुड़े हुए हैं।
यहां कुछ कदम दिए गए हैं:
वेबसाइट खोलें: tafcop.sancharsaathi.gov.in/telecomUser/
अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें
OTP से वेरिफिकेशन करें
सबमिट करने पर आपके आधार से जुड़े सभी नंबरों की सूची दिखाई देगी।
यदि सूची में कोई ऐसा नंबर है जिसे आप पहचानते नहीं हैं या उपयोग नहीं करते, तो उसे तुरंत रिपोर्ट या ब्लॉक करें।