दक्षिण भारत की यात्रा का प्लान बनते ही सबसे बड़ी उलझन यही होती है-"ऊटी जाएं या कूर्ग?" (Ooty vs Coorg).दोनों ही जगहें अपनी-अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर हैं। एक तरफ ऊटी है जिसे'पहाड़ों की रानी' (Queen of Hill Stations)कहा जाता है,तो दूसरी तरफ कूर्ग है जिसे'भारत का स्कॉटलैंड' (Scotland of India)होने का गौरव मिला है।सच्चाई तो यह है कि यह चुनाव "चाय और कॉफी" में से किसी एक को चुनने जैसा है-दोनों का अपना मज़ा है। अगर आप भी इन दोनों के बीच कन्फ्यूज हैं,तो चलिए आज हम आपकी इस उलझन को सुलझा देते हैं ताकि आप अपनी पसंद के हिसाब से सही जगह चुन सकें।1.ऊटी (Ooty):पुरानी यादों और ठंडी हवाओं का संगमऊटी तमिलनाडु के नीलगिरी पहाड़ों में बसा है। यहाँ का माहौल थोड़ा पुराना और अंग्रेजों के जमाने का लगता है। अगर आपको'टूरिस्ट'बनकर घूमना पसंद है,यानी बहुत सारे पॉइंट्स देखना और भीड़-भाड़ वाली जगहें,तो ऊटी आपको पसंद आएगा।क्या खास है:यहाँ की सबसे बड़ी हाईलाइट है'नीलगिरी माउंटेन रेलवे'यानी टॉय ट्रेन (Toy Train)। इस ट्रेन में बैठकर पहाड़ों,सुरंगों और पुलों से गुजरना बचपन की यादों को ताज़ा कर देता है। इसके अलावा यहाँ के बॉटनिकल गार्डन,ऊटी लेक और डोड्डाबेटा पीक (Doddabetta Peak)बहुत मशहूर हैं।किसे जाना चाहिए:अगर आप परिवार और बच्चों के साथ जा रहे हैं,या यह आपकी पहली हिल स्टेशन ट्रिप है,तो ऊटी बेस्ट है। यहाँ ठंड कूर्ग के मुकाबले थोड़ी ज्यादा होती है,तो अगर आपको "स्वेटर वाली सर्दी" चाहिए,तो ऊटी चुनें।2.कूर्ग (Coorg):सुकून,कॉफी और हरियालीकर्नाटक में स्थित कूर्ग (कोडागु) उन लोगों के लिए है जो सिर्फ'घूमना'नहीं,बल्कि जगह को'महसूस'करना चाहते हैं। यहाँ ऊटी जैसी भीड़ नहीं होती। यहाँ चारों तरफ फैली कॉफी की खुशबू आपका दिल जीत लेगी।क्या खास है:कूर्ग अपनेकॉफी बागानों (Coffee Plantations)और होमस्टे (Homestays) के लिए जाना जाता है। यहाँ आप किसी होटल की जगह स्थानीय लोगों के घर (होमस्टे) में रहकर कोडावा संस्कृति और वहां के मसालों का असली अनुभव ले सकते हैं। अब्द्रे फॉल्स (Abbey Falls),राजा सीट और दुबारे एलीफेंट कैंप यहाँ की जान हैं।किसे जाना चाहिए:अगर आपशांति (Peace)ढूंढ रहे हैं,प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं,या एडवेंचर (जैसे ट्रेकिंग,रिवर राफ्टिंग) के शौकीन हैं,तो कूर्ग आपके लिए जन्नत है। यह कपल्स और हनीमून के लिए भी बेहतरीन विकल्प है।आमने-सामने: असली अंतर क्या है?भीड़ (Crowd):ऊटी में पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है और यह कमर्शियल हो चुका है। वहीं,कूर्ग ज्यादा फैला हुआ है,इसलिए वहां भीड़ कम लगती है और प्राइवेसी ज्यादा मिलती है।पहुंचना (Connectivity):ऊटी के पास अपना रेलवे स्टेशन है और कोयंबटूर एयरपोर्ट पास है। कूर्ग जाने के लिए आपको मंगलौर या बैंगलोर से बस या कैब लेनी पड़ेगी,यहाँ ट्रेन नहीं जाती। रोड ट्रिप के लिए कूर्ग का रास्ता लाजवाब है।मौसम (Weather):ऊटी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। कूर्ग का मौसम सुहावना और धुंध (Mist)वाला रहता है,जहाँ बहुत ज्यादा ठंड नहीं होती लेकिन हरियाली बहुत होती है।अंतिम फैसला: कौन सा चुनें?ऊटी चुनें अगर:आप'क्लासिक हिल स्टेशन'का अनुभव लेना चाहते हैं। आपको बोटिंग करना,बाज़ारों में घूमना,टॉय ट्रेन का सफर और साइट सीइंग पॉइंट्स पर फोटो खींचना पसंद है। (Perfect for Families).कूर्ग चुनें अगर:आप शहर के शोर से भागकरसुकूनचाहते हैं। आपको हरियाली,झरनों की आवाज,कॉफी के बागानों में टहलना और बस प्रकृति की गोद में आराम करना पसंद है। (Perfect for Couples & Nature Lovers).तो अब सोचिये मत,अपना मिज़ाज देखिये और बैग पैक कर लीजिये! चाहे ऊटी हो या कूर्ग,दक्षिण भारत की हरियाली आपको निराश नहीं करेगी।