ठंड में बढ़ जाता है ब्रेक्स ड्रैग, 99% लोगों को नहीं होती जानकारी; माइलेज और पिक-अप पर पड़ता है असर
Money9Live November 27, 2025 09:42 PM

Brakes Drag: ठंड के मौसम में गाड़ियों का परफॉर्मेन्स अचानक गिरने लगता है, लेकिन ज्यादातर ड्राइवर इसकी असली वजह पहचान नहीं पाते. लगभग 99 फीसदी वाहन मालिकों को यह जानकारी नहीं होती कि तापमान गिरते ही गाड़ियों में ब्रेक्स ड्रैग बढ़ जाता है. यही वह छुपा हुआ कारण है जिसकी वजह से गाड़ी दबकर चलने लगती है, माइलेज कम हो जाता है और पिक-अप भी धीरे-धीरे डाउन होने लगता है. इस समस्या को समय रहते पहचान लेना गाड़ी की हेल्थ और आपकी जेब, दोनों के लिए जरूरी है.

क्या होता है ब्रेक्स ड्रैग

ब्रेक्स ड्रैग वह स्थिति है जब व्हील्स पूरी तरह फ्री होकर नहीं घूमते और ब्रेक पैड हल्का-हल्का रगड़ खाते रहते हैं. सामान्य तापमान में यह घर्षण बहुत कम महसूस होता है, लेकिन ठंड बढ़ते ही ब्रेक ऑयल गाढ़ा हो जाता है, रबर सील्स सिकुड़ने लगती हैं और कॉलिपर की मूवमेंट स्लो हो जाती है. नतीजतन, पहियों पर लगातार दबाव बना रहता है और ड्रैग बढ़ जाता है. इससे इंजन पर लोड बढ़ जाता है और गाड़ी पहले की तुलना में धीमी, भारी और कम एफिशिएंट महसूस होने लगती है.

माइलेज और पिक-अप क्यों गिरता है

जब पहिए फ्री होकर नहीं घूमते, तो इंजन को उन्हें मूव करने के लिए ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है. इसी वजह से माइलेज सीधे तौर पर गिरने लगता है. गाड़ी का पिक-अप भी सुस्त हो जाता है क्योंकि वाहन की एनर्जी ब्रेक्स रगड़ में ही खर्च होने लगती है. अगर आपकी गाड़ी सर्दियों में बार-बार भारी महसूस हो रही है, स्पीड पकड़ने में दिक्कत कर रही है या माइलेज अचानक कम हो गया है, तो यह ब्रेक्स ड्रैग का साफ संकेत हो सकता है.

कैसे करें ब्रेक्स ड्रैग की पहचान
  • गाड़ी न्यूट्रल में धकेलकर देखें, अगर व्हील्स आसानी से नहीं घूमते, तो ड्रैग मौजूद है.
  • लंबी ड्राइव के बाद टायर या रिम हल्का गर्म महसूस हो तो यह भी ब्रेक्स के हल्के रगड़ का संकेत है.
  • अचानक माइलेज कम होना, हल्की बदबू आना या गाड़ी में भारीपन महसूस होना मुख्य लक्षण हैं.
खुद कैसे जांचें और क्या करें
  • गाड़ी को जैक पर उठाकर हाथ से व्हील स्पिन करके देखें.
  • ब्रेक फ्लुइड का लेवल और उसकी क्वालिटी चेक करें.
  • अगर ब्रेक्स टाइट महसूस हों तो तुरंत किसी मैकेनिक से कॉलिपर पिन्स को री-ग्रीस करवाएं.
  • सर्दियों में हर 1-2 महीने में ब्रेक सिस्टम की एक बार जांच जरूरी रखें.

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