आदर्श संस्कृति महाविद्यालय: राज्य के 22 कॉलेजों को आदर्श संस्कृति महाविद्यालय का दर्जा देने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इस नए दर्जे से छात्रों को आधुनिक प्रयोगशालाएं, नवीन पाठ्यक्रम और उन्नत सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिससे शिक्षा का स्तर और भी ऊँचा होगा।
राज्य सरकार अब सरकारी स्कूलों की तर्ज पर राजकीय महाविद्यालयों को भी आदर्श संस्कृति संस्थान का दर्जा देने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत हर जिले से एक महाविद्यालय का चयन किया गया है, और कुल 22 कॉलेजों का चयन किया गया है। यमुनानगर जिले का राजकीय महाविद्यालय छछरौली इस सूची में शामिल है।
आदर्श संस्कृति महाविद्यालय बनने पर नई प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी और कई नए और आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिससे छात्रों को बेहतर अध्ययन का वातावरण मिलेगा।
निदेशालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार, चयन उन कॉलेजों का किया गया है जिन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित सभी 14 मानकों को पूरा किया है। जिला यमुनानगर का जीसी छछरौली इन मानकों पर खरा उतरा है, जिसके कारण इसे चयन सूची में स्थान मिला।
पंचकूला में चयनित कॉलेजों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। अब जल्द ही प्राचार्य, प्राध्यापक और स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वर्तमान में छछरौली महाविद्यालय में लगभग 1325 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।
प्रदेश में आदर्श संस्कृति महाविद्यालयों के लिए सरकार ने औपचारिक आदेश जारी किए थे, जिसके बाद हर जिले का एक कॉलेज चुना गया। सभी 22 प्राचार्यों की कार्यशाला पंचकूला में आयोजित की गई, जिसमें शिक्षामंत्री महीपाल ढांडा और उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
सरकार ने 14 मानक निर्धारित किए हैं जिन्हें पूरा करना अनिवार्य है। इनमें विज्ञान, कंप्यूटर और भाषा लैब, डिजिटल लैब, संगीत कक्ष, स्मार्ट क्लास और स्मार्ट बोर्ड शामिल हैं। इसके अलावा डिजिटल और भौतिक पुस्तकालय, 100 मीटर स्पोर्ट्स ट्रैक, डे केयर सुविधा, ऑडिटोरियम, सोलर पैनल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और इनक्यूबेशन सेंटर जैसी सुविधाएं भी अनिवार्य हैं।
प्रदेश के 22 चयनित कॉलेजों में शामिल हैं:
जीसी छछरौली, जीसी अंबाला छावनी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, टोहाना, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र का जीसी बहरेन, पानीपत देशबंधु गुप्ता जीसी, नारनौल, नूहं का जीसी थरूर, पलवल, पंचकूला सेक्टर 1, रेवाड़ी, एनआरएस जीसी रोहतक, जीएनसी सिरसा और सोनीपत का जीसी खरखौदा।
आदर्श संस्कृति का दर्जा मिलने के बाद इन कॉलेजों में आधुनिक लैब से लेकर नए पाठ्यक्रम तक कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इससे विद्यार्थियों को दूसरे शहरों या निजी कॉलेजों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और शिक्षा का स्तर भी काफी बेहतर होगा।
जिला उच्चतर शिक्षा अधिकारी डॉ. सुमन भाटिया ने बताया कि इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आसानी से उपलब्ध होगी।