Jind News, जींद। कृषि विज्ञान केंद्र पांडु पिंडारा ने बुधवार को प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी महिला कॉलेज में पराली और फसल अवशेष प्रबंधन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी इंजी. रवि ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनों की जानकारी साझा की। डॉ. पवन कुमार ने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण और मिट्टी के स्वास्थ्य को नुकसान होता है।
यदि पराली का सही तरीके से प्रबंधन किया जाए और इसे जलाया न जाए, तो इससे मिट्टी सुरक्षित रहती है और प्रदूषण की समस्याएं उत्पन्न नहीं होतीं। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जेएन गहलावत ने आधुनिक खेती से जुड़ने और फसल अवशेषों के उपयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई बार किसान अनजाने में पराली जला देते हैं।
इससे न केवल पर्यावरण को हानि होती है, बल्कि फसलों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे किसानों को दीर्घकालिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कार्यक्रम के दौरान सहायक प्राध्यापक मोनिका कौशिक और सहायक प्राध्यापक मोहित रांगी ने छात्राओं को वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई बातों को अपनाने और अपने परिवारों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया।