आईएमएफ की रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में खामियां उजागर
newzfatafat November 28, 2025 09:42 AM

आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर पर गंभीर टिप्पणी की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर के आंकड़ों में कई खामियां हैं, जो वास्तविकता से मेल नहीं खातीं। आईएमएफ ने इन आंकड़ों को सी ग्रेड में रखा है, जो आंकड़ों की गुणवत्ता के लिए दूसरा सबसे निचला स्तर है।


राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों में पाई गई कमियां

आईएमएफ के वार्षिक मूल्यांकन में यह बताया गया है कि भारत के राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों में जीडीपी और जीवीए जैसे महत्वपूर्ण संकेतक शामिल हैं, लेकिन इनमें पद्धतिगत कमियां हैं। संस्था का कहना है कि आंकड़े समय पर उपलब्ध होते हैं, लेकिन कार्यप्रणाली में कमजोरियों के कारण आर्थिक निगरानी की गुणवत्ता प्रभावित होती है।


भारत के जीडीपी अनुमान पर सवाल

भारत सरकार लंबे समय से आय आधारित दृष्टिकोण से जीडीपी का अनुमान लगाती है, जिसमें सरकार, उद्योगों और लोगों की आय के आधार पर आंकड़े निकाले जाते हैं। हालांकि, सरकार खर्च आधारित मॉडल के अनुमान भी प्रस्तुत करती है, लेकिन दोनों में अक्सर अंतर होता है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि विभिन्न स्रोतों और कवरेज के कारण यह विसंगति उत्पन्न होती है।


सीपीआई को भी मिला बी ग्रेड

आईएमएफ ने कहा है कि तिमाही राष्ट्रीय लेखा प्रणाली में मौसमी रूप से समायोजित आंकड़ों की कमी है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) को बी ग्रेड दिया गया है। यह सूचकांक महीने में एक बार जारी होता है, लेकिन इसका आधार वर्ष पुराना होने के कारण यह वर्तमान उपभोग पैटर्न को सही तरीके से नहीं दर्शाता।


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