जीएसटी दरों में बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिला नया संजीवनी
newzfatafat November 28, 2025 12:42 PM

वित्त मंत्रालय ने हाल ही में अपनी मासिक रिपोर्ट में बताया कि जीएसटी दरों में बदलाव से संग्रह में वृद्धि हुई है, जबकि खुदरा महंगाई भी निम्न स्तर पर पहुंच गई है।


बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र सरकार ने 22 सितंबर से नई जीएसटी प्रणाली लागू की। इस प्रणाली के तहत कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम की गईं, जिससे उनकी कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई। इसके परिणामस्वरूप ऑटो सेक्टर में तेजी आई और वाहन बिक्री में नए रिकॉर्ड बने। इसके साथ ही, खरीदारी में वृद्धि के कारण जीएसटी संग्रह में भी इजाफा हुआ।


ई-वे बिल जेनरेशन में वृद्धि

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सितंबर और अक्टूबर 2025 में ई-वे बिल जेनरेशन में साल-दर-साल आधार पर 14.4% की वृद्धि हुई है। वहीं, अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच जीएसटी संग्रह में 9% की वृद्धि दर्शाती है कि मजबूत खपत और बेहतर अनुपालन के चलते सरकार का राजस्व प्रवाह स्थिर बना हुआ है।


खुदरा महंगाई में कमी

अक्टूबर 2025 में खुदरा महंगाई घटकर 0.25% के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर आ गई। यह कमी जीएसटी दरों में कटौती, अनुकूल आधार प्रभाव और खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में 11 साल की सबसे बड़ी गिरावट के कारण हुई।


कॉरपोरेट बैलेंस शीट्स में मजबूती

कॉरपोरेट क्षेत्र का प्रदर्शन भी मजबूत बना रहा। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की नेट सेल्स 6.1% बढ़ीं, जबकि शुद्ध लाभ 12.3% उछला। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाभ मार्जिन में लगातार सुधार हो रहा है और कुल आय के मुकाबले पीएटी (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) का हिस्सा 11.1% तक पहुंच गया है, जो हाल के वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है।


शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों का समर्थन

शेयर बाजार को घरेलू निवेशकों का समर्थन मिलता रहा है और अक्टूबर में उनका प्रदर्शन मजबूत रहा। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने स्थिर भूमिका निभाई और उनकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 18.3 प्रतिशत हो गई, जो 13 वर्षों में पहली बार एफआईआई से आगे निकल गई।


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