हरियाणा के खेल बुनियादी ढांचे पर अब सवाल उठने लगे हैं, जिसने वहां की प्रतिभाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 48 घंटों के भीतर दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत की खबर ने सभी को चौंका दिया है।
इस सदी में हरियाणा ने भारत के खेल मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। वहां के पहलवानों, निशानेबाजों और अन्य एथलीटों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है, जिससे हरियाणा की पहचान और भी मजबूत हुई है। नीरज चोपड़ा की जैवेलिन थ्रो में उपलब्धियों ने इस कहानी को और ऊंचाई दी है। इन सफलताओं का श्रेय हरियाणा में विकसित खेल बुनियादी ढांचे को दिया गया है। लेकिन हाल के वर्षों में, हरियाणा की प्रतिष्ठा पर सवाल उठने लगे हैं। पहले महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले सामने आए, और अब उस बुनियादी ढांचे पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है, जिसने प्रतिभाओं के विकास में मदद की।
48 घंटों के भीतर दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत की घटनाएं चिंताजनक हैं। रोहतक के पास लखन माजरा में 16 वर्षीय हार्दिक राठी की मौत बास्केटबॉल कोर्ट में खंभा गिरने से हुई। इससे पहले, बहादुरगढ़ के पास 15 वर्षीय अमल की भी इसी तरह की घटना में मौत हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया है कि लखन माजरा में उपलब्ध धन का सही उपयोग नहीं किया गया, जिससे यह दुर्घटना सरकारी नाकामी का परिणाम है। यह स्पष्ट है कि ऐसी घटनाएं निरंतर निगरानी और रखरखाव की कमी के कारण होती हैं। जब एक जैसे दो हादसे एक के बाद एक होते हैं, तो उन पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक है।
हरियाणा सरकार को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए। उसे अपने राज्य के खेल बुनियादी ढांचे का पूरा ऑडिट कराना चाहिए और जहां भी कमी हो, उसे प्राथमिकता के आधार पर सुधारना चाहिए। अन्यथा, हरियाणा का खेल क्षेत्र में उदय एक अस्थायी घटना बनकर रह जाएगा। उल्लेखनीय है कि हार्दिक राठी की मौत उसी दिन हुई, जब अहमदाबाद को कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी मिलने की आधिकारिक घोषणा की गई। उस आयोजन के लिए वहां सैकड़ों करोड़ रुपए का निर्माण होगा। लेकिन ऐसे निर्माणों का कोई महत्व नहीं है, यदि देश में खिलाड़ियों को सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण नहीं मिलता।