तिब्बत में 3.3 तीव्रता का भूकंप, उथली गहराई से बढ़ी चिंता
newzfatafat November 28, 2025 03:42 PM

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने एक बयान में बताया कि गुरुवार को तिब्बत में 3.3 की तीव्रता का भूकंप आया। यह भूकंप 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर महसूस किया गया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए संवेदनशील बन गया है। इससे पहले, 18 नवंबर को भी 10 किलोमीटर की गहराई पर 4.2 तीव्रता का एक भूकंप आया था। उथले भूकंप आमतौर पर गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनसे उत्पन्न भूकंपीय तरंगें सतह तक जल्दी पहुँचती हैं, जिससे जमीन अधिक हिलती है और संरचनाओं को अधिक नुकसान पहुँचता है।


भूकंप के कारण और प्रभाव

तिब्बती पठार को टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है, जिससे भूकंप आना एक सामान्य घटना है। तिब्बती पठार की ऊँचाई भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट से टकराने के कारण बढ़ती है, जिससे हिमालय का निर्माण होता है। यहाँ की भूकंपीय गतिविधियाँ टेक्टोनिक उत्थान के कारण होती हैं, जो हिमालय की चोटियों की ऊँचाई को प्रभावित करती हैं।


भूकंप की संरचना और इतिहास

उत्तरी क्षेत्र में स्ट्राइक-स्लिप फॉल्टिंग प्रमुख टेक्टोनिक गतिविधि है, जबकि दक्षिण में सामान्य फॉल्ट पर पूर्व-पश्चिम विस्तार होता है। 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक के प्रारंभ में उपग्रह चित्रों के माध्यम से दक्षिणी तिब्बत में उत्तर-दक्षिण दिशा की दरारों और सामान्य भ्रंशों की खोज की गई थी। इनका निर्माण लगभग 4 से 8 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुआ था।


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