NPCI ने लॉन्च किया नया नेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म, अब RBI करेगी फंड ट्रांसफर की रियल टाइम निगरानी और बढ़ेगी भुगतान सुरक्षा
et November 28, 2025 04:42 PM
रियल टाइम मॉनिटरिंग और भुगतान सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नया नेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म बैंकिंग कनेक्ट लॉन्च किया है। ये प्लेटफॉर्म रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को फंड ट्रांसफर की निगरानी तुरंत करने में सक्षम बनाएगा। प्लेटफॉर्म का उद्देश्य मौजूदा पेमेंट सिस्टम की खामियों को दूर करना है और इसे मुख्य रूप से दुकानों और ऑनलाइन व्यापारी के भुगतान के लिए बनाया गया है।
रियल टाइम निगरानी
वर्तमान में, RBI को बैंकिंग ट्रांजैक्शन डेटा प्राप्त होने में कम से कम एक सप्ताह लग जाता है, और कभी कभी तो ये प्रसेस एक साल तक भी खिंच सकती है। बैंकिंग कनेक्ट इस प्रसेस को बदलने जा रहा है और रेगुलेटर को लाइव ट्रांजैक्शन डेटा दिखाएगा, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी और रियल मनी गेमिंग जैसे संवेदनशील सेक्टर शामिल हैं।
एनपीसीआई भारत बिलपे (NBBL) की MD और CEO नूपुर चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म संदिग्ध लेन देन पर तुरंत कार्रवाई करके धोखाधड़ी को कम करने में मदद करेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड, जिसमें ग्राहक से धोखे से निजी जानकारी ली जाती है इसको पूरी तरह रोक पाना चुनौतीपूर्ण होगा।
नेट बैंकिंग और बिल पेमेंट्स का विस्तार
वर्तमान में भारत में लगभग 80 मिलियन बैंकिंग ग्राहक नेट बैंकिंग का उपयोग करते हैं और हर महीने लगभग 300 लेन देन करते हैं, जिनकी कुल राशि 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। जबकि UPI का तेजी से विकास हुआ है, नेट बैंकिंग की वृद्धि अभी भी सिंगल डिजिट में है।
बैंकिंग कनेक्ट एक मोबाइल फ्रेंडली और इंटरऑपरेबल प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें अभी छह बैंक और कई पेमेंट एग्रीगेटर जुड़े हैं और अगले महीने तक टॉप पांच नेट बैंकिंग वॉल्यूम वाले बैंक भी इसमें शामिल होने की कोशिश की जा रही है। NBBL का लक्ष्य चार साल में मासिक बिल ट्रांजैक्शन को 260 मिलियन से बढ़ाकर 1 अरब करना है। आपको बता दें कि वर्तमान में लगभग 70 मिलियन परिवार नेट बैंकिंग के जरिए बिल भुगतान कर रहे हैं, और इसे बढ़ाकर 135 मिलियन यानी कि भारत के आधे घरानों तक पहुंचाना चाहती है। रियल टाइम निगरानी, सुरक्षा उपाय और नेट बैंकिंग को बढ़ावा देने के साथ, बैंकिंग कनेक्ट भारत के नेट बैंकिंग सिस्टम को आधुनिक बनाने और RBI को वित्तीय सेक्टर पर बेहतर नियंत्रण देने में एक अहम कदम साबित होगा।