रूस-यूक्रेन के बीच बीते 4 साल से जारी युद्ध खत्म करने की कूटनीतिक कोशिशें तेज होती जा रही हैं. रूस ने पुष्टि की है कि अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ अगले हफ्ते मॉस्को आने वाले हैं. हालांकि, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि अभी तक रूस को अमेरिका की कोई औपचारिक शांति योजना नहीं मिली है.
उशाकोव ने बताया कि अमेरिका, रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधि इस हफ्ते अबू धाबी में मिले थे, लेकिन कोई ऐसी मीटिंग नहीं हुई जिसमें योजना को सिलसिलेवार तरीके से समझाया गया हो. उधर यूक्रेन ने अमेरिकी अधिकारी डैन ड्रिस्कॉल यूक्रेन आने की खबर की पुष्टि नहीं की है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि ड्रिस्कॉल कीव जा सकते हैं.
रूस सावधान, लेकिन बातचीत जारी
हाल ही में ट्रंप की युद्ध खत्म करने की योजना सार्वजनिक हुई थी. शुरुआती रूप में यह योजना रूस की मांगों के ज्यादा करीब मानी जा रही थी. ट्रंप के पीस प्लान को लेकर पिछले हफ्ते जेनेवा में अमेरिका और यूक्रेन की मीटिंग हुई थी. इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यह योजना काम की हो सकती है, लेकिन कई मुद्दों पर बातचीत जरूरी है.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिकी दूत विटकॉफ ने उशाकोव को बताया कि पुतिन को यह योजना ट्रंप के सामने कैसे रखनी चाहिए. इस पर ट्रंप ने कहा कि यह सामान्य बातचीत का हिस्सा है. रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि इस लीक कॉल को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना चाहिए. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से लोग इन शांति प्रयासों को बिगाड़ने की कोशिश करेंगे. किसी अंतिम समझौते के करीब पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कहना जल्दबाजी होगी.
युद्ध जारी, रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन हमला किया
कूटनीतिक कोशिशों के बीच युद्ध भी जारी है. दक्षिणी यूक्रेन के जपोरिजिया शहर पर रूस ने रात में बड़ा ड्रोन हमला किया. इसमें 50 से ज्यादा इमारतें, जिनमें लोगों से भरा एक यूनिवर्सिटी हॉस्टल भी तबाह हो गया. हमले में कम से कम 19 लोग घायल हुए. दूसरी ओर रूस ने दावा किया कि उसने 33 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए हैं.
हमारी भी आवाज सुनी जाए: यूरोप
युद्ध खत्म करने की कोशिशों में अमेरिका आगे है, लेकिन यूरोपीय देश चाहते हैं कि उनकी बात भी सुनी जाए, क्योंकि यह युद्ध उनकी सुरक्षा से सीधा जुड़ा है. जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने कहा कि युद्ध जल्द खत्म होना चाहिए, लेकिन अगर कोई समझौता यूक्रेन और यूरोप की सहमति के बिना किया गया, तो वह टिकाऊ शांति नहीं ला पाएगा.
EU चीफ उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी कहा कि शांति की कोशिशों में अब वास्तविक प्रगति की संभावना दिख रही है, लेकिन शर्त यह है कि यूक्रेन को भविष्य की सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए, उसके सैन्य बलों पर कोई रोक न लगे और उसके NATO में शामिल होने के रास्ते को नहीं रोका जाना चाहिए. उर्सुला ने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा ही यूरोप की सुरक्षा है.