बरेली जिले के किसानों के लिए इस वर्ष प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप आवंटन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। जिले को कुल 1002 सोलर पंपों का लक्ष्य दिया गया है, जिनके लिए आवेदन 15 दिसंबर तक ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य किसानों की सिंचाई लागत कम करना और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटाना है।
कृषि विभाग के अनुसार, आवेदन करने वाले किसानों को प्रारंभिक रूप से 5,000 रुपये टोकन मनी जमा करनी होगी। आवेदन चयन ई–लॉटरी के माध्यम से होगा और पंप केवल उन्हीं किसानों को आवंटित किए जाएंगे जिनके खेतों में बोरिंग और जमीन का सत्यापन विभागीय मानकों के अनुरूप पाया जाएगा। सत्यापन में कमी मिलने की स्थिति में आवेदन निरस्त हो सकता है।
जिले में 2 एचपी से लेकर 10 एचपी तक के विभिन्न प्रकार के सोलर पंपों की मांग देखने को मिल रही है। भोजीपुरा, मीरगंज, फतेहगंज, बहेड़ी, सेंथल और फरीदपुर जैसे क्षेत्रों में किसान अधिक संख्या में आवेदन कर रहे हैं। बोरिंग के लिए भी निर्धारित मानक तय किए गए हैं—2 एचपी पंप के लिए 4 इंच, जबकि 3 एचपी और 5 एचपी पंपों के लिए 6 इंच बोरिंग होना आवश्यक है।
योजना में मिलने वाला अनुदान पंप की क्षमता के आधार पर तय है। 2 एचपी सरफेस पंप पर लगभग 98 हजार रुपये, 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पर एक लाख रुपये से अधिक, 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पर 1.33 लाख रुपये, 5 एचपी एसी सबमर्सिबल पर लगभग 1.88 लाख रुपये और उच्च क्षमताओं वाले पंपों पर 2.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है। यह आर्थिक सहायता किसानों की कुल लागत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
कृषि विभाग का कहना है कि सोलर पंपों के इस्तेमाल से बिजली की उपलब्धता से जुड़ी चुनौतियों में कमी आएगी और डीजल आधारित सिंचाई खर्च भी धीरे-धीरे घटेगा। विभाग ने किसानों से निर्धारित तिथि के भीतर आवेदन करने और सभी दस्तावेज सही तरीके से प्रस्तुत करने की अपील की है ताकि अधिक से अधिक लाभार्थी इस सुविधा का उपयोग कर सकें।