नई दिल्ली: महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2026 के मेगा ऑक्शन में एक बड़ा आश्चर्य तब देखने को मिला जब ऑस्ट्रेलिया की कप्तान और विश्व की प्रमुख विकेटकीपर-बल्लेबाज एलिसा हीली को किसी भी टीम ने नहीं चुना.
27 नवंबर को आयोजित ऑक्शन में उनका नाम सबसे पहले आया, लेकिन कोई भी फ्रेंचाइजी उनके लिए बोली लगाने को तैयार नहीं हुई। यहां तक कि एक्सीलरेटेड राउंड में भी उनका नाम नहीं लिया गया। कोचों ने इस स्थिति के पीछे के कारण स्पष्ट किए हैं.
WPL में प्लेइंग 11 में केवल चार विदेशी खिलाड़ी ही खेल सकते हैं। इस कारण हर टीम अपनी विदेशी खिलाड़ियों के कोटे का अधिकतम लाभ उठाना चाहती है। यूपी वॉरियर्ज के हेड कोच अभिषेक नायर ने इस पर अपनी राय दी है.
नायर ने कहा, "एलिसा हीली का अनसोल्ड रहना कई कारणों से चौंकाने वाला था। लेकिन जब आपके पास केवल चार विदेशी खिलाड़ियों का विकल्प हो, तो टीमें ऑलराउंडर को प्राथमिकता देती हैं। उनके लिए यह स्थिति कठिन है क्योंकि वे बल्लेबाज-कीपर हैं."
दिल्ली कैपिटल्स के कोच जोनाथन बैटी ने भी स्वीकार किया कि हीली उनकी लिस्ट में थीं, लेकिन टीम की जरूरतों के अनुसार उन्होंने बोली नहीं लगाई। इसका मतलब यह है कि टीमें एक ही खिलाड़ी से बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों की उम्मीद करती हैं.
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की सहायक कोच अन्या श्रबसोल ने सबसे स्पष्ट कारण बताया। उन्होंने कहा, "हमारा टॉप ऑर्डर पहले से ही बहुत मजबूत है। जॉर्जिया वॉल हमारे लिए ऑफ-स्पिन भी करती हैं। ऋचा घोष टॉप-5 में विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में हैं। ऐसे में एलिसा हीली को लेना हमारे लिए सही नहीं था."
एलिसा हीली के आंकड़े देखकर कोई कमी नहीं लगती। WPL के पहले दो सीज़न में यूपी वॉरियर्ज के लिए 17 मैचों में 26.75 की औसत और 130.49 की स्ट्राइक रेट के साथ 428 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 3 अर्धशतक निकले.
इसके अलावा, 2025 महिला वर्ल्ड कप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। भारत और बांग्लादेश के खिलाफ लगातार दो शतक जड़े। कुल 5 मैचों में 299 रन, औसत 74.75 और स्ट्राइक रेट 125.10 का रहा.