News India Live, Digital Desk : दिसंबर का महीना सिर पर है और गुलाबी ठंड अब कड़ाके की सर्दी में बदल रही है। ऐसे मौसम में सबसे ज्यादा दिक्कत क्या होती है? रजाई से निकलने का मन नहीं करता और जब निकलो तो पूरा शरीर अकड़ा-अकड़ा (Stiff) सा महसूस होता है। मांसपेशियों में वो लचीलापन नहीं रहता और कई बार तो बैठे-बैठे ही कमर या गर्दन में दर्द शुरू हो जाता है।अगर आप भी यही महसूस कर रहे हैं, तो घबराने की बात नहीं है। योग की दुनिया में एक ऐसा शानदार आसन है जो सर्दियों के लिए किसी 'वार्म-अप' से कम नहीं है। इसका नाम है 'अश्व संचालनासन' (Ashwa Sanchalanasana)।इसे अंग्रेजी में Equestrian Pose या High Lunge भी कहते हैं। 'अश्व' का मतलब घोड़ा और 'संचालन' का मतलब चलना। यानी एक ऐसी मुद्रा जो घोड़े की फुर्ती और ताकत की याद दिलाती है।आखिर सर्दियों में यही आसन क्यों?सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप्स में से एक यह आसन शरीर को अंदर से गर्म करने के लिए बेस्ट माना जाता है।मसल्स की जकड़न खोले: ठंड में हमारी मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। यह आसन आपके हिप्स (Hips), पैरों (Legs) और रीढ़ की हड्डी (Spine) को जबरदस्त स्ट्रेच देता है, जिससे सारा जाम खुल जाता है।फेफड़ों के लिए बेहतरीन: जब हम इस पोज़ में ऊपर की ओर देखते हैं और गहरा सांस लेते हैं, तो हमारी छाती (Chest) पूरी तरह खुलती है। इससे ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है और सर्दियों में होने वाली सांस की दिक्कतों में आराम मिलता है।पेट की चर्बी घटाए: सर्दियों में हम तली-भुनी चीजें ज्यादा खाते हैं। अश्व संचालनासन पेट के अंगों पर दबाव डालता है, जिससे पाचन (Digestion) सुधरता है और पेट की चर्बी भी कंट्रोल में रहती है।कैसे करें ये आसन? (आसान तरीका)बहुत ही सरल है। आप सीधे खड़े हो जाएं, एक पैर को पीछे ले जाएं और दूसरे पैर के घुटने को मोड़ें। हथेलियों को जमीन पर टिकाएं और चेहरा ऊपर की ओर रखें। ऐसा महसूस करें जैसे आप दौड़ लगाने (Sprint) के लिए तैयार हो रहे हों। इसी स्थिति में कुछ सेकंड रुकें। आपको अपनी कमर और जांघों में एक खिंचाव महसूस होगा—बस वही इस आसन का जादू है!किसे नहीं करना चाहिए?अगर आपके घुटनों में गहरा दर्द है या गर्दन में बहुत ज्यादा तकलीफ है, तो इसे थोड़ा संभाल कर करें या किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।तो, इस सर्दी सिर्फ रजाई में दुबक कर मत बैठिए। सुबह की शुरुआत इस 'हॉर्स पॉवर' वाले आसन से कीजिये और दिन भर एनर्जी से भरपूर रहिये!