Delhi-NCR के लोगों में हो सकती है इस विटामिन की कमी? दिक्कत होने से पहले जानें बचने का तरीका!
Himachali Khabar Hindi November 28, 2025 05:44 PM


दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और स्मॉग के बीच एक नई चिंता सामने आई है. दरअसल हवा में मौजूद धूल और धुएं के कारण सूरज की रोशनी शरीर तक ठीक से नहीं पहुंच पाती है. जिससे लोगों में एक जरूरी पोषक तत्व की कमी तेजी से देखी जा रही है. कई एक्सपर्ट इससे बचने के लिए इस मौसम में विटामिन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में चलिए अब आपको बताते हैं कि दिल्ली एनसीआर के लोगों में किस विटामिन की कमी हो सकती है.

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण सूरज की रोशनी ठीक से शरीर तक नहीं पहुंच पाती है जिससे लोगों में विटामिन डी की कमी तेज हो रही है. विटामिन डी एक जरूरी पोषक तत्व है जो हड्डियों को मजबूत रखने, इम्युनिटी बढ़ाने और कैल्शियम व फास्फोरस के अवशोषण में मदद करता है. इसका सबसे बड़ा सोर्स सूरज की रोशनी यानी धूप है.

दिल्ली की सर्दियों में हर साल धूंध और प्रदूषण के कारण सूरज की रोशनी ठीक से नहीं मिल पाती है. ऐसे में एक्सपर्ट्स बताते हैं की हवा में फैला प्रदूषण UVB किरणों को जमीन तक पहुंचने से रोक देता है, जिससे शरीर को पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता है.

वहीं एक्सपर्ट्स यह भी बताते हैं कि नवंबर से जनवरी तक सूरज की किरणें स्किन तक नहीं पहुंच पाती. इसलिए इस दौरान बड़ों को रोजाना 2000 IU, टीनएजर्स को 1000 IU और छोटे बच्चों को 600 से 1000 IU विटामिन डी लेने की सलाह दी जाती है.

ICRIER और Anvka Foundation की एक रिपोर्ट में पाया गया है कि हर पांच में से एक भारतीय में विटामिन डी की कमी है. वहीं देश के पूर्वी हिस्सों में यह समस्या सबसे ज्यादा है जहां करीब 39 प्रतिशत लोग इससे परेशान है.

कई रिसर्च के अनुसार शहरों में विटामिन डी की कमी गांव की तुलना में ज्यादा है. लोग कमरे और दफ्तरों में ज्यादा देर तक रहते हैं, धूप में कम समय बिताते हैं और प्रदूषण रोशनी को स्किन तक पहुंचने नहीं देता है.

वहीं एक्सपर्ट्स के अनुसार विटामिन डी सप्लीमेंट्स की जरूरत से ज्यादा मात्रा लेना भी नुकसानदायक हो सकता है. इससे हाइपरकैल्सीमिया, बार-बार पेशाब आना, कमजोरी और किडनी-स्टोन जैसे समस्याएं हो सकती है.

विटामिन डी की कमी से थकान, हड्डियों और पीठ में दर्द मांसपेशियों में कमजोरी मूड में बदलाव, बार-बार इन्फेक्शन होना, घाव का धीरे भरना और हड्डियों में दिक्कत जैसे संकेत भी दिखाई दे सकते हैं.

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