मुंबई। मुंबई के मझगांव स्थित सेंट मैरी हाई स्कूल (SSC) में गुरुवार को 53वीं, ई एवं एफ साउथ वार्ड विज्ञान प्रदर्शनी 2025–26 का भव्य शुभारंभ हुआ। दक्षिण विभाग की प्रमुख शैक्षणिक प्रदर्शनी में इस वर्ष नवाचार, STEM शिक्षा और "विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत" की थीम को विशेष रूप से केंद्रित किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय बैंड की आकर्षक प्रस्तुति और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुई। मुख्य अतिथि डॉ. वैशाली वीर (शिक्षण निरीक्षक-दक्षिण विभाग) ने वार्ड ध्वज फहराकर प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी केवल प्रतिस्पर्धा का मंच नहीं, बल्कि छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने यह भी कहा कि ''बच्चे हमारी जनसंख्या का 20% हैं, लेकिन वे हमारे भविष्य का 100% हैं। शिक्षण निरीक्षक डॉ. वैशाली वीर ने विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में STEM शिक्षा को अनिवार्य बताया। वहीं, विशिष्ट अतिथि डॉ. ललिता दरेश्वर ने अपने संदेश में छात्रों को जिज्ञासा, कल्पना और दृढ़ता को जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि महान वैज्ञानिक वहीं बनते हैं, जहां बच्चों को सोचने, प्रयोग करने और प्रश्न पूछने की स्वतंत्रता मिलती है।
छात्र-छात्राओं ने बिखेरी प्रतिभा!
कार्यक्रम में 55 से अधिक विद्यालयों ने प्रदर्शनी में भाग लिया, जहां छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, डिजास्टर मैनेजमेंट, कृषि तकनीक, जल संरक्षण, हेल्थ, लेजर तकनीक और डिजिटल सॉल्यूशंस जैसे क्षेत्रों में अपने नवोन्मेषी मॉडल प्रस्तुत किए। अतिथियों ने विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं ने विज्ञान के आधुनिक माॅडल को विभिन्न माध्यमों से प्रदर्शित करते हुये अपनी जिज्ञासापूर्ण ज्ञानवर्धक प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसमें छात्र-छात्राओ के साथ उनके शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भी बधाई के पात्र हैं। उद्घाटन समारोह के बाद मॉडलों का मूल्यांकन प्रारंभ हो गया। प्रदर्शनी के दूसरे दिन विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ मॉडलों की घोषणा की जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान मैनेजर फ्र. योहान अल्फोंसो एस.जे. ने कहा कि यह प्रदर्शनी छात्रों में क्रिटिकल थिंकिंग और समस्या-समाधान कौशल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस मौके पर मुख्य अतिथियों, संयोजकों, सेवानिवृत्त प्राचार्यों और 'एसएससी टॉपर्स' का सम्मान भी किया गया। आगंतुको का आभार प्रदर्शन करते हुए फ्र. फेलिक्स डिसूजा एस.जे. ने कहा कि सामूहिक प्रयास ही हर बड़े आयोजन की वास्तविक शक्ति है।