लखनऊ । आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार और चुनाव आयोग बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) पर अत्यधिक दबाव बना रहे हैं, जिसके कारण 25 से अधिक बीएलओ अपनी जान गंवा चुके हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, आम आदमी पार्टी ने 30 नवंबर को उत्तर प्रदेश में श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने का निर्णय लिया है। संजय सिंह ने इसे केवल लापरवाही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ एक संगठित अपराध बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब चुनाव में डेढ़ साल बाकी हैं, तो इतनी जल्दीबाज़ी क्यों? क्या यह चुनाव सुधार है या विपक्ष और वंचित वर्ग को सूची से हटाने की एक सोची-समझी साजिश?
संजय सिंह ने भाजपा सरकार और मुख्य चुनाव आयुक्त के रवैये को अमानवीय और शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि बीएलओ को बिना संसाधनों, प्रशिक्षण और समय सीमा के काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे कई लोग आत्महत्या तक कर रहे हैं। उन्होंने इसे 'तानाशाही शासन' करार दिया और कहा कि बीएलओ केवल मशीनें नहीं, बल्कि परिवार और जिम्मेदारियों वाले इंसान हैं। सरकार उन्हें मानसिक दबाव और थकावट के बीच काम करने पर मजबूर कर रही है।
उन्होंने बताया कि कई क्षेत्रों में बीएलओ को रातभर ड्यूटी करनी पड़ रही है, और उन्हें घर-घर जाकर राजनीतिक दबाव और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बीएलओ अवसाद, तनाव और हार्ट अटैक का शिकार हो चुके हैं, लेकिन चुनाव आयोग और सरकार ने अब तक किसी मृत बीएलओ के परिवार को मुआवजा या न्याय देने की घोषणा नहीं की है, जो अत्यंत शर्मनाक है।
संजय सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सवाल उठाते हुए कहा कि एसआईआर को जिस तेजी से लागू किया जा रहा है, वह प्रशासनिक प्रक्रिया कम और राजनीतिक आदेश ज्यादा प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की इस जल्दबाज़ी का परिणाम 25 से अधिक मौतों के रूप में सामने आया है, और अब आयोग को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने घोषणा की कि आम आदमी पार्टी 30 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में श्रद्धांजलि सभा आयोजित करेगी। इस सभा में मृत बीएलओ को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ यह मांग उठाई जाएगी कि बीएलओ की मौतों की उच्च स्तरीय जांच हो, परिवारों को मुआवजा दिया जाए और एसआईआर के नाम पर हो रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए।