आजकल महंगाई इतनी बढ़ गई है कि अकेले अपने दम पर घर खरीदना सबके बस की बात नहीं होती। ऐसे में,अक्सर लोग (जैसे पति-पत्नी या भाई-भाई) मिलकर यानी'ज्वाइंट नेम' (Joint Name)पर प्रॉपर्टी खरीदते हैं। इससे होम लोन मिलने में भी आसानी होती है औरEMIका बोझ भी बंट जाता है।लेकिन,सवाल तब खड़ा होता है जब आप इस घर को बेचने जाते हैं। मन में यह शंका रहती है कि घर बेचने पर जो मुनाफा (Long Term Capital Gains)होगा,उस पर टैक्स कैसे लगेगा?क्या दोनों मालिकों को टैक्स छूट मिलेगी या सिर्फ एक को?आज हम बिल्कुल आसान भाषा में आपको इस पेचीदा नियम का सच बताने जा रहे हैं,ताकि आप अपनी गाढ़ी कमाई बचा सकें।अच्छी खबर: दोनों को मिलता है फायदाइनकम टैक्स के नियम ज्वाइंट प्रॉपर्टी ओनर्स के लिए बहुत ही मददगार हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपने घर ज्वाइंट नाम से खरीदा है,तो कानून की नजर में आप दोनों अलग-अलग टैक्सपेयर (Individual Taxpayer)हैं।इसका सीधा मतलब यह है कि घर बेचने पर टैक्स छूट का फायदा सिर्फ एक को नहीं,बल्किदोनों कोमिलेगा। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन54और54Fइसके लिए बने हैं।क्या है सेक्शन54और54Fका फंडा?इसे रटने की जरूरत नहीं है,बस अंतर समझ लीजिये:सेक्शन54:यह तब काम आता है जब आप अपना एकघर (Residential House)बेचते हैं और उस पैसे से एक निश्चित समय के अंदरदूसरा नया घरखरीदते या बनवाते हैं।सेक्शन54F:यह तब लागू होता है जब आप घर के अलावा कोई और संपत्ति बेचते हैं (जैसे—जमीन,सोना या कमर्शियल प्रॉपर्टी)और उस पैसे से अपने रहने के लिए घर खरीदते हैं।हिस्सेदारी के हिसाब से मिलेगी छूटयह गणित बहुत ही सिंपल है। जिस पार्टनर का पुराने घर में जितना हिस्सा था,उसे नए घर में निवेश करने पर उसी हिसाब से टैक्स छूट मिलेगी।जैसे मान लीजिये,एक फ्लैट में पति और पत्नी की50-50%की हिस्सेदारी है। उसे बेचने पर हुए मुनाफे से अगर वे नया घर खरीदते हैं और उसमें भी दोनों अपना-अपना हिस्सा लगाते हैं,तो दोनों अपने-अपने हिस्से (Share)के मुताबिक टैक्स छूट का दावा (Claim)कर सकते हैं। यह ऐसा ही है जैसे एक प्रॉपर्टी पर दो बार लिमिट का फायदा उठाना।प्रॉपर्टी एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर दोनों पार्टनर्स चाहें तो मुनाफे का अपना-अपना हिस्सा लेकर दो अलग-अलग प्रॉपर्टी भी खरीद सकते हैं,और फिर भी उन्हें छूट मिल जाएगी (बशर्ते वे नियमों का पालन करें)।बस इन2शर्तों का रखना होगा ध्यानसरकार छूट तो देती है,लेकिन उसकी कुछ शर्तें भी हैं। अगर आप इनसे चूके,तो टैक्स देना पड़ सकता है:3साल का लॉक-इन:जिस नए घर को खरीदकर आपने टैक्स बचाया है,उसे आप3सालसे पहले नहीं बेच सकते। अगर3साल से पहले बेच दिया,तो पुरानी मिली हुई सारी छूट कैंसिल हो जाएगी और वह पैसा आपकी आय मानकर टैक्स लगा दिया जाएगा।एक से ज्यादा घर:खास तौर पर सेक्शन54Fके तहत,जिस दिन आप नई प्रॉपर्टी में पैसा लगा रहे हैं,उस दिन आपके पास पहले से एक से ज्यादा रिहायशी मकान नहीं होने चाहिए।