राजधानी की अदालत ने एक नौकर को विदेशी महिला की नाबालिग बच्ची के साथ यौन शोषण के दोषी ठहराते हुए 20 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी पर यह फैसला पीड़िता की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से लिया।
मामले का विवरण
घटना कुछ साल पहले घटी थी, जब पीड़िता की मां, जो विदेश से भारत में रही हैं, अपने घर में थीं। आरोपी नौकर ने बच्ची के साथ कई महीनों तक यौन शोषण किया।
पीड़िता ने घटना के बारे में बताया और उसके बाद मां ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की। आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376 (बलात्कार), पॉक्सो एक्ट और बाल संरक्षण कानून के तहत केस दर्ज किया गया।
अदालत में सुनवाई के दौरान मामले के सभी साक्ष्यों और गवाहों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाया गया।
सजा और न्यायिक दृष्टिकोण
दोषी को 20 साल की कठोर कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई।
अदालत ने स्पष्ट किया कि बाल यौन अपराध के मामलों में सख्त और त्वरित न्याय आवश्यक है ताकि अपराधियों को संदेश मिले और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
सामाजिक और कानूनी महत्व
यह मामला बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के प्रति कानूनी प्रणाली की संवेदनशीलता को उजागर करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नौकर जैसे भरोसेमंद व्यक्ति द्वारा बच्चों के साथ किए जाने वाले यौन अपराधों को रोकने के लिए माता-पिता को सतर्क रहना चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पीड़ितों की मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है।