Study In India : अमेरिका लंदन छोड़कर भारत में पढ़ाई कर रहे हैं 72,000 से ज्यादा विदेशी छात्र जानें वजह
Newsindialive Hindi December 04, 2025 06:44 PM

News India Live, Digital Desk : अक्सर जब भी पढ़ाई-लिखाई की बात होती है, तो हमारे दिमाग में यही आता है कि भारतीय छात्र (Indian Students) झोला उठाकर अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन जा रहे हैं। हमें लगता है कि अच्छी पढ़ाई मतलब 'विदेश'। लेकिन दोस्तों, तस्वीर अब बदल रही है। दुनिया का पहिया घूम चुका है और अब विदेशी छात्र भी डिग्री लेने के लिए 'भारत' का रुख कर रहे हैं।हाल ही में संसद (Rajya Sabha) के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वो हर भारतीय को खुश करने के लिए काफी हैं। शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि इस समय भारत में72,000 से भी ज्यादा विदेशी छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं।आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर दुनिया भर के स्टूडेंट्स को भारत की पढ़ाई इतनी क्यों भा रही है।सरकार ने राज्यसभा में क्या बताया?केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री (MoS Education) डॉ. सुकांत मजूमदार ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया किAll India Survey on Higher Education (AISHE) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में भारत में नामांकित (enrolled) विदेशी छात्रों की संख्या बढ़कर72,268 तक पहुंच गई है।ये छात्र सिर्फ पड़ोसी देशों से ही नहीं आ रहे, बल्कि अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और यहां तक कि अमेरिका-यूरोप जैसे देशों से भी छात्र भारतीय संस्कृति और शिक्षा पद्धति को सीखने आ रहे हैं।आखिर भारत ही क्यों? (The Real Reason)अब सवाल यह है कि हजारों मील दूर से लोग भारत क्यों आ रहे हैं? इसके कुछ मुख्य कारण हैं:किफायती पढ़ाई (Cost-Effective Quality Education): पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में पढ़ाई का खर्च काफी कम है, जबकि शिक्षा की गुणवत्ता (Quality) वर्ल्ड-क्लास है। आईआईटी, आईआईएम और हमारी टॉप यूनिवर्सिटीज की डिग्री दुनिया भर में मान्य है।'Study In India' पहल: सरकार ने 2018 में 'स्टडी इन इंडिया' प्रोग्राम शुरू किया था। इसका मकसद विदेशी छात्रों को भारत की तरफ आकर्षित करना है। इसके लिए उन्हें आसानी से वीजा मिलता है और कई तरह की स्कॉलरशिप भी दी जा रही हैं।विविधता (Diversity): भारत सिर्फ किताबों का नहीं, बल्कि संस्कृति का भी केंद्र है। यहाँ आकर विदेशी छात्र सिर्फ इंजीनियर या डॉक्टर नहीं बनते, बल्कि योगा, आयुर्वेद और भारतीय कला को भी जीते हैं।NEP 2020 का असर: नई शिक्षा नीति (National Education Policy) आने के बाद से भारतीय यूनिवर्सिटीज को ग्लोबल मानकों पर लाने का काम तेजी से चल रहा है। डुअल डिग्री (Dual Degree) और विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ गठजोड़ ने रास्तों को और आसान कर दिया है।किन कोर्सेज में है सबसे ज्यादा डिमांड?रिपोर्ट्स बताती हैं कि विदेशी छात्रों की पहली पसंद भारत केTechnology (इंजीनियरिंग) औरManagement कोर्सेज हैं। इसके अलावा फार्मेसी, साइंस और भारतीय भाषाओं को सीखने के लिए भी स्टूडेंट्स भारी संख्या में आ रहे हैं।
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