कोलकाता, 14 दिसंबर . पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने Sunday को युवा भारती (सॉल्ट लेक) स्टेडियम में अर्जेंटीना के फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी के इवेंट के दौरान हुई अफरा-तफरी की निष्पक्ष जांच की मांग की.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना को संभालने और आरजी कर रेप और मर्डर केस की जांच प्रक्रिया में काफी समानताएं हैं.
भाजपा नेता ने कहा कि वह राज्य Government की जांच कमेटी को स्वीकार नहीं करते हैं. अधिकारी ने घटना की जांच के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था बनाने की मांग की.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, अधिकारी ने स्टेडियम में हुई गड़बड़ी से संबंधित कई तस्वीरें और वीडियो क्लिप दिखाए. उन्होंने मामले की जांच पर कई सवाल भी उठाए. उन्होंने घटना के संबंध में दर्ज की गई First Information Report में गंभीर विसंगतियों की ओर भी इशारा किया.
उन्होंने दावा किया कि First Information Report ने ही मामले को कमजोर कर दिया है. उन्होंने इसकी तुलना आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप और मर्डर की घटना से की. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह पूर्व कोलकाता Police कमिश्नर विनीत गोयल और पूर्व आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने पहले के मामले को ‘बर्बाद’ कर दिया था, उसी तरह मौजूदा जांच भी शुरू से ही कमजोर की जा रही है.
अधिकारी ने स्टेडियम में हुई गड़बड़ी के मामले में इवेंट ऑर्गनाइजर शताद्रु दत्ता की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, “आरजी कर मामले में संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था. यहां शताद्रु दत्ता को गिरफ्तार किया गया है. दोनों मामलों में, एक ही व्यक्ति को अकेला दोषी बताया जा रहा है.”
First Information Report के कुछ हिस्से पढ़कर सुनाते हुए अधिकारी ने दावा किया कि यह बिधाननगर Police के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज दीपांकर ने दर्ज कराई थी, जो स्टेडियम के गेट नंबर 7 और 12 पर एंट्री के लिए जिम्मेदार थे.
उन्होंने घटनाओं के क्रम पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह मामला टिकेगा नहीं. ऑर्गनाइजर और सीआरपीएफ सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाया गया है. शताद्रु को दोपहर 2.49 बजे गिरफ्तार किया गया था, जबकि First Information Report शाम 6.35 बजे दर्ज की गई थी.”
उन्होंने घटना की जांच के लिए बनाई गई राज्य Government की हाई-लेवल जांच कमेटी को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह ऐसी जांच कमेटी नहीं होनी चाहिए, जिसमें लोकल एजेंसियां शामिल हों. कोलकाता Police, बिधाननगर Police और राज्य Police को हटाकर और एक जज को नियुक्त करके निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.
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एबीएम/