कलाकारों के लिए एआई खतरा नहीं, इंसानी आवाज ईश्वर की देन: मलकीत सिंह
Indias News Hindi December 16, 2025 04:42 AM

Mumbai , 15 दिसंबर . ‘गुड़ नालो इश्क मीठा’ और ‘तुतक तुतक तुतिया’ जैसे हिट गानों के लिए मशहूर सिंगर मलकीत सिंह ने दशकों से लोगों का दिल जीता है. लोग उनकी रचनात्मकता के फैन हैं, लेकिन आज जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) गीत बनाने, धुन तैयार करने और संगीत के नए प्रयोग करने में मदद कर रहा है, ऐसे में सवाल उठता है क्या एआई कलाकारों के लिए खतरा बनता जा रहा है?

इस सवाल पर मलकीत सिंह ने समाचार एजेंसी से खास बातचीत में अपने विचार साझा किए.

को दिए इंटरव्यू में मलकीत सिंह ने कहा, ”चाहे तकनीक कितनी भी विकसित हो जाए, इंसानी आवाज की ताकत को कोई बदल नहीं सकता. लाइव परफॉर्मेंस की खासियत, कलाकार और दर्शक के बीच की भावनात्मक कड़ी कभी भी तकनीक से पूरी तरह नहीं बनाई जा सकती. एआई संगीत बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन वह उस जादू को पैदा नहीं कर सकता, जो असली इंसानी आवाज और लाइव परफॉर्मेंस में होता है.”

उन्होंने कहा कि एआई से संगीत और वाद्ययंत्र सीखे जा सकते हैं, लेकिन असली आवाज भगवान की देन होती है और यही चीज किसी भी मशीन द्वारा दोहराई नहीं जा सकती.

ने जब उनसे सीधे पूछा कि क्या एआई कलाकारों के लिए खतरा है, तो उन्होंने कहा, ”यह खतरा नहीं है. तकनीक आगे बढ़ती रहेगी, लेकिन इंसानी आवाज कभी अप्रासंगिक नहीं होगी. एआई गाना बना सकता है, पर लाइव स्टेज पर परफॉर्म नहीं कर सकता. दर्शकों के सामने कलाकार का वास्तविक स्वर ही मायने रखता है.”

अपने अनुभवों का उदाहरण देते हुए मलकीत सिंह ने कहा कि पुराने समय में कैसे गाने लोगों के दिलों में लंबे समय तक रहते थे.

उन्होंने कहा कि आज की डिजिटल दुनिया में गाने कुछ ही सेकंड में वायरल हो जाते हैं और लोगों की पसंद बदलने की रफ्तार भी बहुत तेज है. पहले के दौर में जब कैसेट और सीडी का जमाना था, गाने लंबे समय तक लोकप्रिय रहते थे. कलाकारों के नाम और उनकी आवाज लोगों के दिलों में सालों तक बसी रहती थी. वह समय संगीत का सुनहरा युग था. कुछ गाने समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं और आज भी लोग उन्हें उतनी ही खुशी के साथ सुनते हैं.’

पंजाबी संगीत की दुनिया पर बात करते हुए मलकीत सिंह ने कहा कि आज Bollywood में पंजाबी संगीत का बोलबाला है. इसके बीट्स और एनर्जी के कारण यह तुरंत लोगों से जुड़ जाता है. पंजाबी गाने सरल, आकर्षक और गाने में आसान होते हैं, जिससे हर उम्र के लोग उन्हें पसंद करते हैं.

उन्होंने बताया कि जब वह यूरोप में परफॉर्म करते हैं, तो वहां के लोग भी खुशी-खुशी पंजाबी शब्द दोहराते हैं.

पीके/पीएसके

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