हार्टफुलनेस द्वारा वैश्विक ध्यान का आयोजन : एक विश्व-एक हृदय
Udaipur Kiran Hindi December 18, 2025 07:42 AM

भोपाल 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) . 21 दिसंबर को विश्वभर के करोड़ों लोग “विश्व ध्यान दिवस” के अवसर पर आयोजित वैश्विक हार्टफुलनेस ध्यान सत्र में एक साथ ध्यान करेंगे. यह जानकारी बुधवार को हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट द्वारा एक प्रेस कान्‍फ्रेंस की जिसमें बताया गया की यह ध्यान सत्र में शामिल होने के लिए भोपाल सहित Madhya Pradesh से भी 6 लाख से अधिक नागरिकों के पंजीकरण अभी तक आ चुके हैं. वैश्विक हार्टफुलनेस संस्था इस अवसर को ‘एक विश्व, एक हृदय’ की थीम के साथ मना रहा है, जो सामूहिक शांति, आंतरिक स्थिरता और साझा मानवता की भावना को दर्शाती है. यह सत्र हार्टफुलनेस के वैश्विक मार्गदर्शक एवं रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष परम पूज्य दाजी के मार्गदर्शन में, हार्टफुलनेस के वैश्विक मुख्यालय तथा विश्व के सबसे बड़े ध्यान केंद्र कान्हा शांति वनम से संचालित किया जाएगा.

जानकारी हो कि इस अवसर पर भारत के उपPresident सी. पी. राधाकृष्णन, तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा तथा तेलंगाना के Chief Minister रेवंत रेड्डी कान्हा शांति वनम में आयोजित इस कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे . कान्हा शांति वनम आयोजन स्थल पर हजारों प्रतिभागियों के द्वारा एक साथ ध्यान किया जावेगा, वहीँ पूरे विश्व के विभिन्न भागों से लाखों लोग वर्चुअल माध्यम से इस वैश्विक ध्यान में शामिल होंगे. Madhya Pradesh से भी लाखों जिज्ञासु इस पहल में 21 दिसंबर को रात्री 8 बजे यूट्यूब के माध्यम से वर्चुअल रूप से जुड़कर इस ध्यान आयोजन में सम्मिलित हो रहे हैं.

हार्टफुलनेस Madhya Pradesh के मीडिया समन्वयक पर्यावरणविद् एस.डी. वीरेंद्र ने इस पहल को मानसिक शांति और पर्यावरणीय चेतना के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु बताया.उन्होंने कहा कि आंतरिक संतुलन के बिना प्रकृति के साथ संतुलन संभव नहीं है, और ध्यान व्यक्ति को संवेदनशील, जिम्मेदार तथा प्रकृति के प्रति जागरूक बनाता है.

हार्टफुलनेस के बारे में

हार्टफुलनेस सरलतम ध्यान अभ्यास एवं जीवनशैली से जुड़े ऐसे साधन प्रदान करता है, जो शांति, स्पष्टता, करुणा, साहस और संतोष के विकास में सहायक हैं. वर्ष 1945 में रामचंद्र मिशन की स्थापना के साथ औपचारिक रूप से प्रारंभ हुआ हार्टफुलनेस, दैनिक जीवन में विवेक और शांति का संचार करने का लक्ष्य रखता है. ये अभ्यास 15 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए, संस्कृति एवं विश्वास की सीमाओं से परे, सभी के लिए खुले हैं. वर्तमान में 160 से अधिक देशों में, 5,000 से अधिक केंद्रों के माध्यम से, हजारों प्रमाणित स्वयंसेवी प्रशिक्षकों द्वारा नि:शुल्क ध्यान हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.

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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा

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