कैंसर की गाँठ लिवर की सूजन औरˈ पथरी को जड़ से खत्म कर सकता है ये देसी साग। जानें बथुए के जबरदस्त फायदे﹒
Himachali Khabar Hindi December 18, 2025 08:42 AM
बथुआ या बथुए 
- हमारे शरीर में अक्सर ऐसा होता है कि किसी वजह से गांठ बनने लगती है जो अक्सर किसी बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है. अगर आपके शरीर में कोई गांठ हो तो उसके लिए बथुए का इस्तेमाल कैसे किया जाए. बता रहे हैं, आचार्य बाल कृष्णा जी।
- बथुए को यूं तो साग-सब्जी के रूप में खाया जाता है लेकिन इस बथुए को लोग घरों में आमतौर पर लगाते नहीं है। क्या आप जानते हैं बथुए का सेवन करके बहुत सारी बीमारियों से बचा जा सकता है।
- बथुआ का सेवन करने से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हो । बथुआ के अंदर कई तरह के पोषक तत्वों की भरमार होती है । आयुवेर्द के अनुसार बथुआ की सब्जी खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बथुआ एक पौष्टिक आहार है। बथुआ आपको दिसंबर से मार्च तक के महीनों में आसानी से मिल जाता है। बथुआ हरी सब्जीयों में आता है। जिसमें कैल्श्यिम, पोटैशियम और विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है।
- बथुआ एक खरपतवार के रूप में जाना जाता है। बथुए का पौधा जौ और गेहूं के खेत में अपने आप ही उग जाता है। बथुए को साग के रूप में खाया जाता है। इसमें लोहा और क्षार पाया जाता है जो शरीर को पथरी से बचाता है। इसकी सब्जी जितनी खाए जाए उतना ही बेहतर होता है। कई तरह के नामों से जाना जाता है बथुआ। इसे क्षारपत्र और व्हाइट गूज फुट के नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं बथुआ खाने के फायदें। बथुआ दो प्रकार का होता है। एक जिसके पत्ते लाल होते है। और दूसरा जिसके पत्ते चौड़े व बड़े होते हैं।
जिनके लीवर के अंदर गांठ हो जाती है जैसे कई बार अंदर कैंसर की गांठे डवलप हो जाती हैं. बॉडी में कहीं भी गांठे होती हैं तो आप बथुए को तोड़कर बथुए को जड़ सहित डब्बे में भरकर सुखाकर पाउडर बना लें। 10 ग्राम इस पाउडर को लीजिए और 400 ग्राम पानी में पकाएं पकाने के बाद जब ये लगभग 50 ग्राम बच जाए तो छानकर इस काढ़े को पीजिए। इसे पीने से शरीर के अंदर की गांठे घुल जाएंगी। गांठ को घोलने वाली जो दवाएं हैं यदि बथुए के काढ़े को उनके साथ भी लिया जाए तो जल्दी ही गांठ घुल जाती है। काढ़ा पीने से कैंसर होने की संभावना भी कम होती है।
पथरी के लिए भी ये काढ़ा बहुत फायदेमंद है। आचार्य जी कहते हैं कि ये बथुआ सिर्फ एक साग नहीं है बल्कि बीमारियों को जड़ से मिटाने वाली ये लाभकारी औषधी है।
यह मर्दाना शक्ति को बढ़ाता है। भूख बढ़ाता है।
पथरी : पथरी की समस्या को खत्म करने के लिए शक्कर को एक गिलास बथुए के रस में मिलाकर पीने से पथरी कुछ दिनों में गलकर बाहर आ जाती है।
जुएं : जुएं खत्म करने के लिए बथुआ महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्म पानी में बथुए के पत्तों को उबाल लें और उसे ठंठा करके उससे सिर को अच्छे से धोएं। यह उपाय जुओं को मार देता है।
बवासीर : बथुए को उबालें और उसका पानी पीने से बवासीर ठीक होता है।
दाद होने पर : दाद की समस्या होने पर बथुए को उबालें और इसका रस पीएं। दूसरा उपाय बथुए के रस में तिल के तेल को मिलाकर हल्की आंच में गर्म कर लें और जब तेल जल जाए तब इसे छानकर किसी शीशी में डाल लें। और इस तेल को दाद पर लगाएं।
दिल की बीमारी में : दिल के रोग में बथुआ बेहद फायदेमंद होता है। बथुए से लाल रंग की पत्तियों को छांट लें और इसका रस निकाल लें और इसमें सेंधा नमक डालकर सेवन करें।
शरीर की जलन : यदि शरीर का कोई हिस्सा जल गया हो और उस पर जलन लग रही हो तो ऐसे में बथुए के पत्तों को पीसें और इसका लेप जलन वाली जगह पर लगाएं। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। इससे जल्दी ही जलन शांत हो जाती है।
कब्ज दूर करने के लिए : दो चम्मच बथुए का रस पीने से कब्ज दूर होती है। आप बथुए का साग व इसका उबला हुआ पानी का सेवन करने से कब्ज दूर होती है।
लीवर के लिए : बथुए का साग नियमित खाने से लीवर मजबूत होता है।
पेट के कीड़े : यदि पेट में कीड़े हो गए हों तो बथुए को पानी में तब तक उबालें जब तक वह आधा न रह जाए। फिर इसे ठंडा करके सेवन करें। इस उपाय से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
नकसीर में : यदि नाक से खून बहता हो तो बथुए के रस की चार बूंदे पीने से नकसीर बहना ठीक रहता है।