– विधानसभा में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने दिया संबोधन
भोपाल, 17 दिसम्बर (Udaipur Kiran) . मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने प्रदेश के पूंजीगत विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार और दीर्घकालीन विकास-दृष्टि पर बुधवार को विधानसभा में में विशेष सत्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वक्तव्य केवल आंकड़ों या परियोजनाओं की सूची भर नहीं है, बल्कि एक विकसित मध्यप्रदेश की वह स्पष्ट और ठोस रूपरेखा है, जिसे चरणबद्ध ढंग से धरातल पर उतारा जा रहा है.
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि विकास की यह प्रक्रिया किसी एक वर्ग, क्षेत्र या राजनीतिक दल तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग की सहभागिता और अपेक्षाओं से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि विकास की इस यात्रा में केवल एक एजेंडा है—प्रदेश का समग्र, संतुलित और सतत विकास. अपने वक्तव्य में राकेश सिंह ने कहा कि Chief Minister डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी, निर्णायक और संवेदनशील नेतृत्व में मध्यप्रदेश की विकास यात्रा नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है और प्रदेश पूंजीगत निवेश, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तथा जनकल्याणकारी नीतियों के माध्यम से एक सशक्त, आत्मनिर्भर और विकसित राज्य के रूप में स्थापित हो रहा है.
इंफ्रास्ट्रक्चर : विकास की आधारशिला
मंत्री सिंह ने कहा कि आज किसी भी राज्य के विकास का आकलन उसके एक्सप्रेस-वे, एलिवेटेड कॉरिडोर, हाई-स्पीड सड़क नेटवर्क, रेलवे कनेक्टिविटी, एयरपोर्ट और आधुनिक सामाजिक अधोसंरचना के आधार पर किया जाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया गया व्यय कोई साधारण खर्च नहीं, बल्कि भविष्य की आर्थिक समृद्धि, औद्योगिक विस्तार, निवेश आकर्षण और रोजगार सृजन में किया गया दीर्घकालिक निवेश है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत @2047” के संकल्प को साकार करने में मध्यप्रदेश एक सशक्त सहभागी बनकर आगे बढ़ रहा है
35 प्रतिशत बजट वृद्धि : सरकार की इच्छाशक्ति का ठोस प्रमाण
लोक निर्माण मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि माननीय Chief Minister डॉ. मोहन यादव द्वारा लोक निर्माण विभाग के बजट में 35 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि यह वृद्धि केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि विकास के प्रति राज्य सरकार की दृढ़ राजनीतिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है. डबल इंजन सरकार की शक्ति से आज वे परियोजनाएँ धरातल पर उतर रही हैं, जिनकी कल्पना पूर्व में मध्यप्रदेश में संभव नहीं मानी जाती थी.
मेगा परियोजनाएँ : प्रदेश की तस्वीर बदलने वाले विकास पथ
मंत्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में ₹1 लाख 13 हजार करोड़ से अधिक की लागत से मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएँ स्वीकृत एवं प्रगतिरत हैं. इनमें अटल प्रगतिपथ, नर्मदा प्रगतिपथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा–निमाड़ विकासपथ, इंदौर–भोपाल एवं जबलपुर–भोपाल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, ग्वालियर–नागपुर रणनीतिक कॉरिडोर तथा सागर–सतना ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से प्रदेश को उत्तर–दक्षिण और पूर्व–पश्चिम कनेक्टिविटी मिलेगी, यात्रा समय घटेगा, लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और उद्योग, व्यापार, कृषि व पर्यटन को नई गति प्राप्त होगी.
सड़क नेटवर्क : ऐतिहासिक उपलब्धियाँ और रिकॉर्ड निर्माण
लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 77,268 किलोमीटर का विशाल सड़क नेटवर्क विकसित किया गया है. केवल वित्तीय वर्ष 2024–25 में ही 10,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण, उन्नयन और सुदृढ़ीकरण ₹17,284 करोड़ की लागत से किया गया. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विभाग की कार्यक्षमता, गुणवत्ता नियंत्रण और समयबद्ध क्रियान्वयन का प्रत्यक्ष प्रमाण है.
शहरी यातायात सुधार:आधुनिक और दीर्घकालिक समाधान
राकेश सिंह ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में यातायात को सुगम, सुरक्षित और निर्बाध बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. जबलपुर का लगभग 7 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, भोपाल का डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर तथा श्यामा प्रसाद मुखर्जी 6-लेन कोलार रोड जैसे प्रोजेक्ट्स ने शहरी यातायात की तस्वीर बदल दी है. इसके साथ ही ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में नए एलिवेटेड कॉरिडोर और फ्लाईओवर भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर निर्माणाधीन हैं.
रेल ओवरब्रिज और सामाजिक अधोसंरचना में विस्तार
मंत्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में 111 रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण ₹3,903 करोड़ की लागत से किया जा रहा है, जिससे रेल फाटकों पर प्रतीक्षा समाप्त होगी और सड़क व रेल यातायात अधिक सुरक्षित बनेगा. इसके अतिरिक्त नए मेडिकल कॉलेजों, आधुनिक न्यायालय भवनों, विद्यालय भवनों और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण से स्वास्थ्य, शिक्षा और न्यायिक अधोसंरचना को सुदृढ़ किया गया है.
हैम मॉडल और एनएचएआई साझेदारी : नई विकास गति
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण को वित्तीय रूप से सतत और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) अपनाया गया है. साथ ही Indian राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ ₹1 लाख करोड़ का ऐतिहासिक एमओयू किया गया है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार और उन्नयन को अभूतपूर्व गति मिली है.
नवाचार और तकनीक : ‘लोक निर्माण से लोक कल्याण’ का सशक्त आधार
मंत्री सिंह ने बताया कि विभाग में नवाचार और तकनीक को विशेष प्राथमिकता दी गई है. लोकपथ मोबाइल ऐप, पीएम गति-शक्ति प्लेटफॉर्म, रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम, मोबाइल प्रयोगशालाएँ, औचक निरीक्षण प्रणाली और जीपीएस आधारित बिटुमिन आपूर्ति जैसी व्यवस्थाओं ने पारदर्शिता और जवाबदेही को नई ऊँचाई दी है. उन्होंने कहा कि यही प्रयास “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की भावना को साकार करते हैं.
पर्यावरण-संवेदनशील विकास : संतुलन का मॉडल
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी समान महत्व दिया गया है. लोक कल्याण सरोवर, वृक्ष स्थानांतरण, बड़े पैमाने पर पौधरोपण और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण तकनीकों के माध्यम से यह सिद्ध किया गया है कि विकास और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं.
अपने समापन वक्तव्य में मंत्री सिंह ने कहा कि ये उपलब्धियाँ केवल वर्तमान की नहीं, बल्कि आने वाले दशकों के लिए मध्यप्रदेश की मजबूत नींव हैं. Chief Minister डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर, नवाचार, पारदर्शिता और जनकल्याण के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और “लोक निर्माण से लोक कल्याण” अब प्रदेश की स्थायी विकास पहचान बन चुका है.
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत