बिहार के वैशाली जिले के करतहा थाना इलाके में घरेलू झगड़े से तंग आकर दो सगी बहनें 24 नवंबर को घर से भाग गईं। हाजीपुर रेलवे स्टेशन पहुंचीं तो लगा कि अब कुछ अच्छा होगा, लेकिन वहां उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
हमदर्दी के नाम पर हुआ सबसे बड़ा धोखा
स्टेशन पर ही अमृता नाम की एक महिला ने दोनों बहनों पर दया दिखाई और उन्हें अपने साथ मोतिहारी ले गई। वहां पहुंचते ही दोनों को देह व्यापार के गंदे धंधे में धकेल दिया गया। मासूम बहनों को पता ही नहीं चला कि उनकी जिंदगी अब दलालों के हाथ की कठपुतली बन चुकी है।
बड़ी बहन को दो बार 10-10 हजार में बेचा गया
दलालों का दिल नहीं भरा तो बड़ी बहन को पूजा और कंचन नाम की दो महिलाओं को सिर्फ 10 हजार रुपये में सौंप दिया। उसके बाद कुंदन कुमार नाम के एक लड़के ने उसे फिर 10 हजार में खरीद लिया। कुंदन ने तो मंदिर में शादी भी कर ली और गांव में बहू का भोज तक करवा रहा था, लेकिन तभी वैशाली और मोतिहारी पुलिस पहुंच गई और बड़ी बहन को बचा लिया।
खरीदकर शादी करने वाले कुंदन का चौंकाने वाला बयान
कुंदन कुमार ने पुलिस को बताया, “मेरी शादी नहीं हो रही थी, इसलिए मैंने दलाल से कहा कि कोई लड़की चाहिए। मुझे नहीं पता था कि लड़की को किडनैप करके कई हाथों बेचा गया है। मैंने तो अच्छे से शादी की और समाज को दावत दे रहा था। अब पता चला कि उसके साथ इतना गलत हुआ है, मुझे बहुत अफसोस हो रहा है।”
मोतिहारी में पुलिस का एक्शन, छोटी बहन भी बचाई
दूसरी तरफ मोतिहारी पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि अमृता के घर देह व्यापार चल रहा है। छापा मारा गया तो वहां से छोटी बहन को बरामद कर लिया गया। छोटी बहन ने पूरी कहानी पुलिस को बता दी। इसके बाद पुलिस ने पूरे गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया। पताही इलाके से बड़ी बहन को भी छुड़ाया गया।
पांच गिरफ्तार, सेक्स रैकेट का पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा
सदर SDPO गोपाल मंडल ने बताया कि यह एक सुनियोजित सेक्स रैकेट था जो रेलवे स्टेशन-बस स्टैंड से भागी हुई मासूम लड़कियों को फंसाता था। अभी तक तीन महिलाएं और दो पुरुषों समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों बहनें सुरक्षित हैं और अब पुलिस पूरे नेटवर्क को खत्म करने में जुटी है ताकि कोई और बेटी इस दलदल में न फंसे।