बेलगावी, 19 दिसंबर . मनरेगा का नाम विकसित India जी-राम जी करने को लेकर विपक्ष हमलावर है, जबकि सत्ता पक्ष के नेता इसे एक सुधारात्मक प्रक्रिया बता रहे हैं. इसी बीच भाजपा नेता सी.एन. अश्वथ ने बताया कि योजना विकसित India के विजन को बताती है.
भाजपा नेता सी. एन. अश्वथ नारायण ने कहा, “विकसित India जी-राम जी बिल बहुत प्रोग्रेसिव है और विकसित India के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य को दर्शाता है. यह 2047 के India के विजन को दिखाता है, जो उस दिशा का संकेत देता है जिसमें देश आगे बढ़ना चाहता है. सभी भारतीयों में जागरूकता पैदा करना बहुत जरूरी है; यह समझने की जरूरत है कि हमें कहां जाना है और क्या करने की जरूरत है. नाम बदलने का एक साफ मकसद और इरादा है, जिसका लक्ष्य महात्मा गांधी के स्वराज के सपने को साकार करना और एक विकसित समाज की स्थापना करना है.”
उन्होंने बिल को लेकर कांग्रेस के विरोध पर कहा, “कांग्रेस ने गांधीजी के विजन को कमजोर किया है. पार्टी गांधीजी के सच्चे सिद्धांतों को अपनाए बिना सिर्फ उनके नाम का इस्तेमाल करना चाहती है. इस तरह, कांग्रेस पार्टी अक्सर स्वार्थी साबित होती है, जो देश से ज्यादा अपने निजी हितों को प्राथमिकता देती है.”
Union Minister गिरिराज सिंह ने कहा, “मैं कहूंगा कि यह Political चाल है. यह मजदूरों के हित में उठाया गया बहुत अच्छा कदम है. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जो मजदूरों के खिलाफ हैं. चाहे टीएमसी हो या कांग्रेस, यह नया बिल मजदूरों के हित में है.”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है. इस सत्र के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी ‘विकसित भारत-जी राम जी’ करने वाले बिल को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिला.
जहां एक ओर विपक्ष ने Government पर एजेंडे के तहत जानबूझकर योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने की साजिश का आरोप लगाया, वहीं सत्ता पक्ष के लोगों ने पुराने बिल में सुधार की बात कही और इसे आवश्यक बताया.
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एससीएच/एएस