स्वच्छ ऊर्जा की तेज रफ्तार, बायोगैस उद्योग 2026 तक बनेगा 5,000 करोड़ का बाजार
TV9 Bharatvarsh December 21, 2025 07:43 PM

भारत में स्वच्छ ऊर्जा और वैकल्पिक ईंधन की मांग लगातार बढ़ रही है. इसी बीच भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (IBA) का कहना है कि आने वाले वर्षों में बायोगैस उद्योग को बड़ा निवेश मिलने वाला है. IBA के अनुसार 2026-27 में देश के बायोगैस सेक्टर में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश संभव है. निवेशकों और उद्योग से जुड़े लोगों की दिलचस्पी 2025 में काफी बढ़ी, जिससे इस सेक्टर की संभावनाएं और मजबूत हुईं.

CBG प्लांट्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है

अभी तक देश में 100 से ज्यादा कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट शुरू किए जा चुके हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में 94 प्लांट्स ने 31,400 टन से ज्यादा CBG की बिक्री की है. यह आंकड़ा साफ बताता है कि बाजार में बायोगैस की मांग मजबूत हो रही है और यह सेक्टर विस्तार की ओर बढ़ रहा है. IBA के मुताबिक, आने वाले समय में इस सेक्टर में और ज्यादा CBG प्लांट शुरू होंगे. साथ ही कच्चे माल की सप्लाई चेन बेहतर और संगठित होने की उम्मीद है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को फायदा

बायोगैस सिर्फ वैकल्पिक ईंधन ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है. मौजूदा समय में लाखों छोटे पारंपरिक बायोगैस प्लांट हैं, जिनमें दक्षता बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं. सरकार मध्यम आकार के बायोगैस प्लांट्स को बढ़ावा दे रही है, जिससे स्वच्छ कुकिंग फ्यूल मिल सके, ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिले, किसानों को जैविक खाद उपलब्ध हो, इससे स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ पर्यावरण और किसानों दोनों को लाभ मिलता है.

GST में राहत से निवेश को बढ़ावा

IBA ने कहा कि हाल ही में GST में ढील मिलने से CBG प्रोजेक्ट्स की लागत कम होगी. GST दर में 7% तक कमी होने का अनुमान है, जिससे प्रोजेक्ट्स अधिक व्यवहार्य बनेंगे. इसका सीधा असर निवेश पर पड़ेगा और आने वाले समय में 4-5% नए निवेश बढ़ने की संभावना है. IBA के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा कि 2026 तक CBG सेक्टर का मूल्य 3-4 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है और 2030 तक करीब 5 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है.

देश का सबसे बड़ा बायोगैस नेटवर्क

IBA देश की पहली और सबसे बड़ी राष्ट्रीय बायोगैस एसोसिएशन है. इसमें तकनीक प्रदाता, प्लांट डेवलपर, ऑपरेटर, नीति विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल हैं. भारत में स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम सस्टेनेबल फ्यूचर की दिशा में एक बड़ा संकेत हैं. अगर निवेश और नीतिगत समर्थन इसी तरह जारी रहे तो बायोगैस देश के ऊर्जा बाज़ार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

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