दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि रेखा सरकार प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. दिल्ली सरकार का मानना है कि देश की राजधानी एवं एनसीआर के प्रदूषण को प्रभावी रूप नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था खासतौर पर दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क को मजबूत और लास्ट कनेक्टिविटी तक पहुंचाना जरूरी है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि हमारी सरकार ने परिवहन विभाग को सुदृढ़ करने के लिए वर्तमान बजट में 60 प्रतिशत अधिक राशि का प्रावधान किया है. इस बजट में दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए भी समुचित धनराशि रखी गई है, ताकि उसकी वर्तमान परियोजनाओं में किसी प्रकार की बाधा न आए. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली सरकार दिल्ली मेट्रो की पुरानी देनदारियों को भी अदा कर रही है, जिसे पूर्व सरकारों ने अदा नहीं किया था. उन्होंने कहा कि अगर पूर्व सरकारों ने राजधानी के परिवहन व्यवस्था को लेकर गंभीरता दिखाई होती तो आज दिल्ली को गंभीर प्रदूषण का सामना नहीं करना पड़ता.
‘वाहनों का उत्सर्जन रोकना जरूरी’सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) और अन्य सरकारी एवं शोध-आधारित स्रोतों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर का पर्यावरण बिगाड़ने और प्रदूषण को गंभीर बनाने में वाहनों से निकला उत्सर्जन प्रमुख भूमिका निभा रहा है. इस प्रदूषण को रोकने के लिए सार्वजनिक परिवहन सिस्टम को मजबूत किया जाना बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण संकट और सड़कों पर वाहनों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए निर्णायक कदम उठाए रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नेट जीरो एमिशन’ और आधुनिक परिवहन के विजन को धरातल पर लाने के लिए दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, विशेषकर दिल्ली मेट्रो (डीएमआरसी) के विस्तार के लिए बजट की पर्याप्त व्यवस्था की है.
परिवहन विभाग के बजट में की बढ़ोतरीउन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र का विस्तार और मजबूती देने के लिए समुचित व्यवस्था की है. सरकार ने वर्तमान बजट में परिवहन विभाग को सुदृढ़ करने के लिए 9,110 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. यह बजट पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में आवंटित 5,702 करोड़ रुपए की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने कहा कि यह वृद्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो के प्रति सरकार की गंभीरता को भी दर्शाती है. उन्होंने कहा कि जहां पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले वर्ष मेट्रो के लिए महज 500 करोड़ रुपए के आसपास की राशि का प्रावधान किया था, वहीं हमारी सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2,929 करोड़ रुपए का भारी-भरकम आवंटन किया है.
‘मेट्रो की पुरानी देनदारी भी चुका रही सरकार’मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार की कैबिनेट ने एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) फेज-IV के तीन प्रमुख कॉरिडोर को मंजूरी देकर इसके विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया है. इन कॉरिडोर में लाजपत नगर से साकेत, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ और रिठाला से कुंडली (हरियाणा) शामिल है. उन्होंने कहा कि इस विस्तार से न केवल दिल्ली के भीतर कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के बीच यात्रियों को एक सुलभ विकल्प मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए दिल्ली सरकार 3,386.18 करोड़ रुपए का वित्तीय भार स्वयं वहन कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए चालू वित्त वर्ष में 940 करोड़ रुपए की राशि पहले ही वितरित कर दी है, जबकि 336 करोड़ रुपए की अगली किस्त प्रक्रिया में है. इसके अलावा सरकार पिछली देनदारियों (फेज-I, II, III) के करीब 2,700 करोड़ रुपए का भी निपटान कर रही है.
‘परिवहन व्यवस्था पर पिछली सरकारों की अनदेखी’सीएम रेखा गुप्ता का मानना है कि जब तक लोग निजी वाहनों को छोड़कर सार्वजनिक परिवहन की ओर रुख नहीं करेंगे, तब तक प्रदूषण की समस्या का स्थाई समाधान संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि मेट्रो नेटवर्क को इतना सुदृढ़ और व्यापक बना दिया जाए कि अंतिम छोर (Last Mile Connectivity) तक लोगों को निजी वाहन निकालने की आवश्यकता ही न पड़े. उन्होंने कहा कि इसी प्रतिबद्धता के अंतर्गत सरकार दिल्ली मेट्रो को पर्याप्त बजट उपलब्ध करा रही है, साथ ही पुरानी देनदारियों का भी भुगतान कर रही है.
उन्होंने यह भी बताया कि डीएमआरसी बोर्ड में दिल्ली सरकार का सक्रिय प्रतिनिधित्व अब बेहतर समन्वय, त्वरित फंडिंग और परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन को सुनिश्चित कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की पिछली सरकारों ने अगर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ और उसका विस्तार करने के लिए गंभीरता दिखाई होती तो आज दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या इतनी गंभीर न होती और आम जन को स्वास्थ्य व अन्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता.
‘PM के ‘जीरो उत्सर्जन’ विजन को साकार कर रही सरकार’मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन व्यवस्था को ‘जीरो उत्सर्जन’ बनाने का जो सपना प्रधानमंत्री ने देश के लिए देखा है, दिल्ली सरकार उसे मिशन मोड में अपना रही है. उन्होंने कहा कि पीएम अक्सर आधुनिक बुनियादी ढांचे और पर्यावरण के अनुकूल विकास पर जोर देते रहे हैं. दिल्ली की वर्तमान सरकार केंद्र सरकार की ‘विशेष सहायता योजना’ के तहत प्राप्त आवंटन का कुशलतापूर्वक उपयोग कर रही है, ताकि मेट्रो के फेज-IV विस्तार को समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके. सीएम के अनुसार दिल्ली सरकार की प्राथमिकता केवल सड़कें बनाना नहीं, बल्कि एक ऐसी इको-फ्रेंडली परिवहन प्रणाली विकसित करना है जो, आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ हवा दे सके.