Aravalli Mountain Range : अरावली पर्वत श्रंखला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बवाल मचा हुआ है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का कहना है कि अरावली को लेकर कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं। यहां किसी भी तरह की छूट नहीं दी गई है और ना ही दी जाएगी। वहीं अखिलेश ने कहा कि अरावली को बचाना अपरिहार्य है क्योंकि यह दिल्ली और एनसीआर के लिए एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच है या कहें कुदरती ढाल है।
क्या है मामला : सुप्रीम कोर्ट के हाल के एक फैसले ने अरावली पहाड़ियों को लेकर पर्यावरणविदों और आम जनता के बीच बहस छेड़ दी है। इस फैसले को '100-मीटर का फैसला' कहा जा रहा है, जिसमें यह साफ किया गया है कि अरावली इलाके में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अपने आप 'जंगल' के तौर पर क्लासिफाई नहीं किया जा सकता।
केंद्र सरकार के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने समिति की उस सिफारिश को स्वीकार किया है, जिसके तहत संरक्षित क्षेत्र, इको-सेंसिटिव जोन, टाइगर रिजर्व, आर्द्रभूमि और इनके आसपास के क्षेत्रों में खनन पर पूरी तरह रोक रहेगी। केवल राष्ट्रीय हित में आवश्यक, रणनीतिक और गहराई में स्थित खनिजों के लिए सीमित छूट दी जा सकती है।
क्या बोले भूपेंद्र यादव : केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भ्रम फैलाना बंद करें! अरावली के कुल 1.44 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मात्र 0.19% हिस्से में ही खनन की पात्रता हो सकती है। बाकी पूरी अरावली संरक्षित और सुरक्षित है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का मकसद किसी तरह का विकास रोकना नहीं, बल्कि प्राकृतिक विरासत, पर्यावरण संतुलन और भविष्य की पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
edited by : Nrapendra Gupta